टूटियाहेड़ी में शहीद हरिओम नागर के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रहीं हैं। उनके पिता खेती- किसानी का काम करते हैं और एक भाई दिल्ली में प्राइवेट कम्पनी में कार्यरत है। परिजनों ने बताया कि अचानक बर्फ के पहाड़ के पिघलने से यह हादसा हुआ। उनके साथ में दो अन्य सिपाही भी शहीद हुए हैं, वहीं एक की जान बच गई।
पार्थिव शरीर विशेष विमान से भोपाल पहुंचा
जम्मू-कश्मीर के सियाचिन से सिपाही हरिओम नागर का पार्थिव शरीर विशेष विमान से भोपाल पहुंचा। भोपाल एयरपोर्ट पर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला तथा अपर जिला दण्डाधिकारी अंकुर मेश्राम ने पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और भारत मां के इस वीर सपूत को नमन किया।
14 माह पहले ही भारतीय सेना में पदस्थ हुए थे
बता दें कि सिपाही हरिओम नागर सियाचिन में भारत-पाक सीमा पर 13,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात थे। 20 जुलाई की सुबह करीब 9 बजे ड्यूटी के दौरान अचानक हुए भूस्खलन में एक विशाल शिला उनके ऊपर गिर गई, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और वीरगति को प्राप्त हुए। वे 14 माह पहले ही भारतीय सेना में पदस्थ हुए थे। टूटियाहेड़ी में राजकीय सम्मान के साथ शहीद नागर का अंतिम संस्कार किया जाएगा।