समान प्रकृति वाली योजनाएं होंगी एक
चालू वित्तीय वर्ष में बजट 3.65 लाख करोड़ का है। इससे ज्यादा राज्य में कर्ज है। सरकार की चिंता कर्ज का बोझ कम करने को लेकर है। इसलिए आय बढ़ाने के साधनों पर मंथन चल रहा है। कमाऊ विभागों के साथ सीएम चर्चा कर चुके हैं। आमजन का भी ध्यान रखा जा रहा है। युवा, महिला, गरीब, किसान के लिए अलग-अलग प्रावधान किए जा रहे हैं। सरकार इन वर्गों के लिए अलग-अलग मिशन भी लागू कर रही है। इस वर्ग के लिए संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया जा रहा है। केंद्रीय योजनाओं का शत प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए पर्याह्रश्वत राज्यांश भी रखा जाएगा। उधर, वित्त विभाग ने विभागों को निर्देश दिए हैं कि एक जैसी प्रकृति की योजनाओं को मिलाने पर विचार किया जाए। जिन योजनाओं के लक्ष्य पूरे हो चुके हों, उन्हें बंद करने को कहा है। इन योजनाओं के लिए वित्त बजट नहीं देगा। अंतिम निर्णय सीएम के स्तर पर लिया जाएगा।