जन-धन खाताधारकों की दुर्घटना में मौत पर मिलेंगे 2 लाख रुपए, बैंकों ने छिपाई ‘बड़ी बात’
PM jan dhan yojana Accidental Death Insurance Amount: केंद्र की मोदी सरकार ने तीन साल पहले ही बढ़ा दी थी जन धन योजना के खाताधारकों की दुर्घटना में मौत पर मिलने वाली बीमा राशि, लेकिन बैंकों ने खाता धारकों को नहीं दी जानकारी, patrika.com पर पढ़ें कुणाल किशोर की चौंका देने वाली रिपोर्ट…
PM jan dhan yojana Account holders get rupees 2 lakh on death in accident insurance amount increased(image source: social media)
PM jan dhan Yojana Accidental death Insurance Amount: हर जन का धन सुरक्षित करने और उन्हें सुरक्षा घेरे में लाने के लिए 11 साल पहले शुरू हुई प्रधानमंत्री जन-धन योजना का दम घुट रहा है। बैंकों की लापरवाही से लोगों को दुर्घटना बीमा की राशि नहीं मिल रही। 28 अगस्त 2014 को सरकार के आह्वान पर करोड़ों लोगों ने बैंकों में जन-धन खाते खुलवाए। योजना के तहत खाताधारकों का एक लाख रुपए दुर्घटना बीमा तय था। सरकार ने इस कवच को और मजबूत किया।
दुर्घटना बीमा की राशि बढ़ाई है, बैंक ने इसकी जानकारी ही नहीं दी
28 अगस्त 2018 से खुले खातों पर दुर्घटना बीमा की राशि बढ़ाकर (Accidental Insurance Amount) दो लाख कर दी। लेकिन बैंकों की लापरवाही ऐसी रही कि तीन वित्तीय वर्षों में हादसों में जान गंवाने वाले खाताधारकों में से 875 को ही बीमा की राशि मिली। खास यह है कि बैंकों ने खाताधारकों को इस बीमा के बारे में जानकारी ही नहीं दी। उन्हें खाता ऑपरेट करने के तरीके नहीं बताए।
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इन तीन केस से समझें मौत के बाद बीमा राशि के लिए कैसी फजीहतें
केस 1.
मंदसौर: दो साल पहले मौत, बीमा राशि नहीं मिली मंदसौर जिले के बर्डियाअमरा के बसंतीलाल पाटीदार की २० जनवरी २०२३ को सड़क हादसे में मौत हो गई। उनका जन-धन खाता स्टेट बैंक में है। मौत के बाद भी उनके परिवार को बीमा की राशि नहीं मिली। बेटे सुधीर पाटीदार ने बताया, जनधन योजना में पापा ने खाता खुलवाया था। लेकिन कोई सहायता राशि नहीं मिली।
केस 2.सीधी: 3 माह बीते, राशि तो दूर मृत्यु प्रमाण पत्र तक नहीं सीधी की लुरघुटी पंचायत के धर्मेंद्र उर्फ लाला सोंधिया (४२) २४ अप्रेल को बारात में अनूपपुर गए थे। वे साढू के साथ बाइक से घर लौट रहे थे। शहडोल जिले के कमता गांव में एक्सीडेंट हुआ और २५ अप्रेल को शहडोल जिला अस्पताल में मौत हो गई। उनका जन-धन खाता मध्यांचल ग्रामीण बैंक मड़वास में है, पर परिवार को बीमा की राशि नहीं मिली।
केस 3.4 साल पहले दो मौतें. पिता को मिली राशि, बेटे को नहीं सीधी के चदोहीडोल पंचायत के दीनदयाल साहू (५४) बेटे राजेश (२३) के साथ १५ जुलाई २०२१ को घर लौट रहे थे। दादर गांव में वाहन की टक्कर से पिता-पुत्र की मौत हो गई। परिजनों ने कहा, दीनदयाल का जन-धन खाता मध्यांचल ग्रामीण बैंक मड़वास में था। उन्हें बीमा राशि मिली। गुजरात में मजदूरी करने वाले राजेश का खाता वडोदरा में बैंक ऑफ बड़ौदा में था। वहां हम नहीं जा सके, राशि नहीं मिली।
नतीजा, 1040 मृतकों के परिजनों में से 845 को ही मिली राशि
नतीजा, 2022-23 से 2024-25 (4 अक्टूबर 2024 तक) दुर्घटना में जान गंवाने वाले 1040 खाताधारकों के परिजन ही बीमा राशि के क्लेम कर सके। सूचना के अधिकार के तहत आरटीआइ एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ को वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी। आवेदन करने वाले 1040 खाता धारकों के परिजनों में से भी 845 को ही बीमा राशि मिली।
मध्यप्रदेश में 91,53,356 खाते हुए निष्क्रिय
राज्य – कुल जनधन खाते– जीरो बैलेंस – खातों में जमा राशि – निष्क्रिय खाते उत्तरप्रदेश – 9,57,15,997 – 49,332.56 – 76,12,095 – 2,31,44,087 बिहार – 6,11,42,444 – 22,734.17 – 41,29,982 – 1,18,73,106
मध्यप्रदेश – 4,41,65,620 – 13,884.17 – 36,91,970 – 91,53,356 महाराष्ट्र – 3,59,00,524 – 15,530.22 – 30,67,685 – 73,13,876 राजस्थान – 3,60,44,473 – 18,555.46 – 24,73,246 – 67,18,799 छत्तीसगढ़ – 1,79,45,503 – 8,097.52 – 15,48,092 – 31,20,571ये भी पढ़ें: Sawan Somwar: एमपी का अनोखा शिवालय, पहले शिखर बना अंत में नींव
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