जानकारी के अनुसार 10 साल से कम आयु वाले 12 लाख 75 हजार बच्चों और 70 साल से अधिक आयु के 3 लाख 88 हजार चयनित बुजुर्गों को केवाईसी की छूट रहेगी। इस तरह मार्च तक करीब 30 लाख नए गरीबों को खाद्य सुरक्षा सूची से जोड़ने की जगह बन जाएगी।
100 क्विंटल गेहूं बेच ले रहे फ्री राशन
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि 50 हजार लोग ऐसे भी चयन सूची में शामिल हैं, जो हर साल समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 100 क्विंटल गेहूं सरकार को बेचते हैं। फिर सरकार से वापस फ्री का गेहूू लेते हैं। वहीं, हर महीने 50 हजार रुपए का बिजली बिल भरने वाले भी गरीबों का हक मार रहे हैं। इन सबको भी सूची से हटाया जाएगा।
जिला – चयनित गरीब
जयपुर – 30,61,492 अलवर – 24,06,976 नागौर – 23,50,988 उदयपुर – 22,16,627 जोधपुर – 21,90,907 बाड़मेर – 18,99,397 सीकर – 17,83,229 भरतपुर – 16,26,689 अजमेर – 15,69,270 भीलवाड़ा – 14,71,430
जिला – चयनित गरीब बांसवाड़ा – 13,82,143 चूरू – 13,35,530 झुंझुनूं – 13,35,024 पाली – 13,22,854 बीकानेर – 13,00,685 जालोर – 12,20,624
डूंगरपुर – 11,80,489 गंगानगर – 11,64,993 दौसा – 11,24,009 झालावाड़ – 10,38,365
अलवर, उदयपुर और जयपुर में अपात्र ज्यादा
अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा से स्वयं हटवाने वालों 10 लाख 41 हजार लोगों में सबसे ज्यादा 92 हजार 700 अलवर जिले के हैं। इसके बाद जयपुर जिले के 68 हजार 267, बांसवाड़ा के 60 हजार 387, उदयपुर के 55 हजार 282, भीलवाड़ा के 45 हजार 800, नागौर के 43 हजार 756 लोग हैं। सबसे कम जैसलमेर जिले में 7 हजार 391 लोगों ने चयनित से नाम हटवाया।