आईएसबीटी के निर्माण को लेकर अब प्रशासन ने पुनर्धनत्वीकरण योजना के तहत इसे आकार देने का निर्णय लिया है। इसके तहत केंद्रीय विद्यालय के पीछे की सरकारी जमीन पर आईएसबीटी का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के तहत जमीन पर पहले से किए गए अतिक्रमण को हटाया जाएगा और निर्माण कार्य के लिए साफ किया जाएगा। साथ ही, हाउसिंग बोर्ड के द्वारा यह परियोजना तैयार की जाएगी, जिससे आईएसबीटी के निर्माण की दिशा में एक नया कदम उठाया जाएगा।
आईएसबीटी के लिए प्रस्तावित जमीन पर पहले से कई लोग अतिक्रमण कर चुके हैं। चार साल से यह भूमि खाली पड़ी थी, जिस कारण यहां पर कच्चे और पक्के मकान बना लिए गए थे। इस पर प्रशासन ने बताया कि आईएसबीटी के निर्माण के लिए कुल 18 अतिक्रमण हटाए जाएंगे, जिनमें कच्चे और पक्के मकान दोनों शामिल हैं। इसके लिए नगर पालिका को भी आदेश दिए गए हैं कि यह अतिक्रमण शीघ्र हटाए जाएं, ताकि परियोजना की शुरुआत की जा सके।
ब्लू प्रिंट और डिज़ाइन तैयार
आईएसबीटी के निर्माण के लिए पहले ही डीपीआर, ब्लू प्रिंट, ड्राइंग और डिज़ाइन तैयार कराए जा चुके हैं। नगर पालिका के सीएमओ ने बताया कि सिर्फ निर्माण लागत में कुछ परिवर्तन हो सकता है, लेकिन मूल डिज़ाइन पर कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। कलेक्टर के निर्देश के बाद कंसल्टेंट एजेंसी से डीपीआर को अपडेट कराया जाएगा, ताकि वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप इसे बेहतर और सुविधाजनक बनाया जा सके।
यात्रियों के लिए होगा फायदे का सौदा
आईएसबीटी के निर्माण से छतरपुर के यात्रियों को एक बड़ी राहत मिलेगी। विशेष रूप से, छतरपुर से झांसी, महोबा, जबलपुर, भोपाल, बांदा, कानपुर, दिल्ली, ग्वालियर, और सतना जैसे प्रमुख शहरों के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह बस टर्मिनल अत्यंत सुविधाजनक होगा। केंद्रीय विद्यालय के पास होने के कारण यह स्थान यात्रियों की सुविधा के हिसाब से आदर्श है।
नगरपालिका कर्मचारियों का हो गया अतिक्रमण
जानकारी के अनुसार, आईएसबीटी की प्रस्तावित जमीन पर सबसे ज्यादा अतिक्रमण नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा किया गया है, जिनके खिलाफ प्रशासन जल्द ही कार्रवाई करेगा। यह अतिक्रमण निर्माण कार्य में एक बड़ी रुकावट डाल रहे थे, जिन्हें हटाने के लिए प्रशासन ने अब सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है।
जन आक्रोश के कारण बदला गया स्थान
आईएसबीटी के निर्माण को लेकर पिछले चार साल से उठापटक चल रही थी। सबसे पहले, प्रशासन ने महोबा रोड के बजाय बगौता में आईएसबीटी बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन शहरवासियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा इसका विरोध किया गया। इसके बाद, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने केंद्रीय विद्यालय के पास आईएसबीटी के निर्माण को फिर से अनुमोदित किया, और बगौता में प्रस्तावित स्थान को निरस्त कर दिया गया।
कलेक्टर का बयान
कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने कहा केंद्रीय विद्यालय के पास प्रस्तावित आईएसबीटी का निर्माण पुनर्धनत्वीकरण योजना के तहत किया जाएगा। हमने नपा सीएमओ और हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक की है, और जल्द ही इस परियोजना के लिए डीपीआर तैयार कराई जाएगी।
पत्रिका व्यू
आईएसबीटी के निर्माण की प्रक्रिया अब तेज हो गई है, और प्रशासन इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस परियोजना से न केवल छतरपुर शहर के यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि यह शहर की यातायात व्यवस्था को भी बेहतर बनाएगा। अब देखना यह है कि अतिक्रमण हटाने और परियोजना के अन्य पहलुओं को शीघ्र पूरा करके इसे धरातल पर उतारा जाता है या नहीं।