दो वर्षों से नहीं है महिला डॉक्टर
इस 100 बिस्तर के सिविल अस्पताल में पिछले दो वर्ष से एक भी महिला डॉक्टर की स्थाई पदस्थापना नहीं की गई है, जिसके कारण महिला मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानियां होती है। अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन नहीं होने से वहां आने वाली महिलाओं को प्राइवेट व जिला अस्पताल सोनोग्राफी करने के लिए भेज दिया जाता है। वर्तमान में डिलेवरी के लिए जिला अस्पताल व प्राइवेट अस्पताल सहारा बना हुआ है। पुलिस के प्रकरणों में पीडि़त स्वास्थ्य जांच के लिए पैसे खर्च कर अपनी मेडिकल जांच कराते है।
अन्य स्थानों के डॉक्टरों को बुलाना मजबूरी
सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी बनी हुई है जिसके कारण आसपास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टरों को सिविल अस्पताल बुलाया जाता है। वर्तमान में अमरवाड़ा के आसपास पौनार, सोनपुर, सिंगोड़ी, धनोरा, बटकाखापा, सहित सैकड़ों गांव के लोग उपचार कराने इस सिविल अस्पताल पहुंचते है।
कोविड के समय बनाया ऑक्सीजन प्लांट, बंद
कोविड काल में इस सिविल अस्पताल में लगभग 55 लाख रुपए की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगवाया गया था, जहां से ऑक्सीजन पाइप लाइन से वार्डों तक पहुंचाई जा रही थी। लेकिन उसके बाद भी प्लांट अब तक बंद पड़ा हुआ है बताया जा रहा है कि ठेकेदार का भुगतान बाकी होने के कारण यह स्थिति बनी है। इसके साथ ही सिविल अस्पताल में लगाई गई लिफ्ट भी बंद हो गई है।
सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के पदो की स्थिति
पद स्वीकृत रिक्त
स्त्रीरोग विशेषज्ञ 01 01
स्पेशलिस्ट सर्जरी 01 01
मेडिकल स्पेशलिस्ट 01 01
चाईल्ड स्पेशलिस्ट 01 01
ऐनेस्थिस्यिा स्पेशलिस्ट 01 01
डेंटल सर्जन 01 00
मेडिकल ऑफिसर 05 05
आयुष मेडिकल ऑफिसर 01 01
कुल 12 11
सिविल अस्पताल में अन्य पदों की स्थिति
पद स्वीकृत रिक्त
मेटरन 01 01
स्टाफ नर्स 19 10
फार्मासिस्ट 01 01
ईसीजी टेक्नीशियन 01 01
लेबोरेट्री अटेंडेंट 02 02
वार्ड बाय 05 04
ओटी अटेेंडेंट 02 02
ड्रेसर 02 02
कम्प्यूटर ऑपरेटर 04 04
ड्राइवर 01 01
इनका कहना है।
जितने डॉक्टर सिविल अस्पताल में रहने चाहिए उसकी कमी बनी हुई है। विभाग को कमी दूर करने के लिए पत्राचार भी किया गया है। वर्तमान मे स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की आवश्कता बनी हुई है। कमी के बाद भी यह प्रयास किया जाता है कि लोगों को बेहतर से बेहतर उपचार मिले।