अभी तक सरकार की ओर से सकारात्मक पहल नहीं हुई है। इससे निगम में वेतन, डीजल, बिजली, निर्माण कार्य समेत अन्य मदों के भुगतान में समस्याएं आती रही हैं।
भुगतान के लिए राशि नहीं
इस साल 2025 की शुरुआत में ही नगर निगम की मेयर-इन-काउंसिल की बैठक में आया था कि निगम के आकस्मिक कार्य जैसे फायर, जल प्रदाय, मरमत संधारण अंतर्गत वाटर फिल्टर प्लांट (कुलबेहरा, अजनिया, जहोडी पण्डा) के आवश्यक भुगतान करने नगर निगम के पास राशि उपलब्ध नहीं है। प्रदेश के दूसरे नगर निगम की तरह छिंदवाड़ा भी खराब माली हालत से गुजर रहा है। नगर निगम को पहले 1.50 करोड़ की चुंगी क्षतिपूर्ति का सहारा था, अब तो यह 60 लाख रुपए पर आ गई है। शेष राशि बिजली बिल के नाम पर काटी जा रही है। ये भी पढ़ें: आपके शहर की 18 सड़कें होंगी डस्ट फ्री, नगर निगम लगाएगा 1 लाख पौधे सांसद, विधायक फंड के काम हो रहे
इस वर्ष 2022 से लगातार पूरी पंचवर्षीय में हर पार्षद अपने वार्ड में एक सड़क, नाली और पुल-पुलिया बनाने का इच्छुक है। उनकी यह अपेक्षा पूरी नहीं हो पा रही है। इसका कारण बजट का अभाव है। यह चिंताजनक है कि केंद्र, प्रदेश में भाजपा सरकार तथा नगर निगम में भाजपा परिषद होने के बाद भी आर्थिक हालात सुधर नहीं पा रहे हैं। उस पर सरकार वेतन का हिस्सा चुंगी क्षतिपूर्ति राशि का बजट कटौती कर रही है। केवल सांसद, विधायक फंड के काम हो पा रहे हैं।
राशि मिलने पर होंगे विकास कार्य
मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री से बजट की मांग की जा रही है। सरकार से 130 करोड़ का बजट अपेक्षित है। सरकार से ये राशि मिलते ही शहर में विकास कार्य कराए जाएंगे। -विक्रम अहके, महापौर