पिछले दिनों ट्राई भोपाल के सलाहकार नीतिराज सिंह छिंदवाड़ा आए थे और आंध्रप्रदेश के म्यूजियम अधिकारियोंं से भ्रमण के दौरान दुकान आवंटन पर चर्चा की थी। इस दौरान बातचीत में बताया था कि म्यूजियम का संचालन भोपाल की संस्था वन्या करेगी। उनके मुताबिक इस म्यूजियम का संचालन राज्य स्तरीय संस्था वन्या को दिए जाने का प्रस्ताव ट्राई से राज्य शासन को भेज दिया है। इसको राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में अप्रूव होना है। इसके साथ ही यहां अलग-अलग राज्यों के आदिवासी संस्कृति के सामान की दुकानें भी लगेंगी। कैफेटोरियम भी किसी व्यक्ति को दे दिया जाएगा। फिलहाल इस निर्णय का इंतजार किया जा रहा है।
नवम्बर में हुआ था लोकार्पण
इस म्यूजियम का लोकार्पण बीती 15 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उसके बाद 27 नवम्बर से इस म्यूजियम को आम जनता के दर्शनार्थ खोला गया। तब से इस म्यूजियम में प्रतिदिन 500 लोग आ रहे हैं और म्यूजियम में आदिवासी कलाकृतियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की गाथाओं को सुन रहे हैं। इस म्यूजियम में निर्माण एजेंसी ने एक कैफेटोरियम और 14 दुकानों का निर्माण कराया है। इन दुकानों को बेरोजगार युवक-युवतियों को आवंटित करने की मांग लम्बे समय से की जा रही है।
बना शिल्प बाजार व कैफेटोरियम
इस संग्रहालय भवन में जनजातीय संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को प्रदर्शित करने के लिए छह गैलरियों का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त, यहां एक कार्यशाला कक्ष, एक लाइब्रेरी, कार्यालय के लिए स्थान, 800 दर्शकों की क्षमता वाला ओपन एयर थिएटर, शिल्प बाजार (शिल्पग्राम) और एक ट्राइबल कैफेटेरिया भी है।