उत्तराखंड में शुरू हुआ पुनर्वास अभियान
स्ट्रीट चिल्ड्रन पुनर्वास पॉलिसी में सरकारी विभागों के अलावा समाज के सभी हितधारकों की जिम्मेदारी तय की गई है। मसलन यदि कोई कारोबारी या दुकानदार है तो वह अपने प्रतिष्ठान के आसपास भीख मांगने वाले बच्चों की सूचना देगा। इसके अलावा डीएम को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से तैयार एसओपी के अनुसार ऐसे बच्चों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए कार्य करना होगा।
पोर्टल पर देनी होगी सूचना
पॉलिसी के अनुसार, सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को तत्काल रेस्क्यू किया जाएगा और इनकी सूचना बाल स्वराज-चिल्ड्रेन इन स्ट्रीट सिच्युएशन (सीआईएसएस) पोर्टल पर देनी होगी। इसके बाद इन बच्चों की स्वास्थ्य जांच, परामर्श, चिकित्सा उपचार, कपड़े, भोजन आदि की व्यवस्था की जाएगी। इसके बाद यह बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हुए कैसे मुख्य धारा में शामिल हो सकते हैं, इसके भी प्रावधान करने के साथ नियम कायदे बताए गए हैं। यह भी पढ़ें; प्रयागराज से शुरू होगी भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन, दक्षिण भारत और सात ज्योतिर्लिंगों की यात्रा होगी आसान स्ट्रीट चिल्ड्रन पुनर्वास पॉलिसी के ड्राफ्ट को मंत्रीमंडल की स्वीकृति मिल चुकी है। अब इसे जमीन पर उतारने के लिए आगे की कार्यवाही की जाएगी। चंद्रेश कुमार, सचिव, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास