scriptSaraswati Puja Sampurn Vidhi: बसंत पंचमी पर ऐसे करें सरस्वती पूजा, ये है मंत्र समेत संपूर्ण विधि | saraswati puja sampurn vidhi vasant panchami avahan mantra ganesh mantra sankalp mantra how do Saraswati Puja all steps | Patrika News
धर्म-कर्म

Saraswati Puja Sampurn Vidhi: बसंत पंचमी पर ऐसे करें सरस्वती पूजा, ये है मंत्र समेत संपूर्ण विधि

saraswati puja sampurn vidhi: बसंत पंचमी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। प्रयागराज, वाराणसी, उज्जैन आदि क्षेत्रों में 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी मनाई जा रही है तो यहां जाने वसंत पंचमी पूजा की संपूर्ण विधि …

भारतFeb 03, 2025 / 10:18 am

Pravin Pandey

saraswati puja sampurn vidhi

saraswati puja sampurn vidhi vasant panchami avahan mantra ganesh mantra sankalp mantra how do Saraswati Puja all steps

vasant panchami avahan mantra: माघ शुक्ल पंचमी को मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन भक्त, विशेष रूप से विद्यार्थी मां शारदा की पूजा कर विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। कई विद्यार्थी और लोग व्रत भी रखते हैं। इसके अलावा इस समय गुप्त नवरात्रि का पांचवी शक्ति मां त्रिपुर भैरवी की पूजा अर्चना भी की जाएगी।

संबंधित खबरें


ऐसे लोग जो बसंत पंचमी पर मां शारदा की पूजा करने जा रहे हैं, यहां जानें संपूर्ण सरस्वती पूजा विधि ..

संपूर्ण सरस्वती पूजा विधि

वाराणसी के पुरोहित पं. शिवम तिवारी के अनुसार बसंत पंचमी तिथि के दिन पूरा दिन शुभ और मंगलकारी होता है। यह अबूझ मुहूर्त है और किसी समय शुभ मंगल कार्य कर सकते हैं, लेकिन मां सरस्वती की पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय प्रातःकाल ही है।

इसलिए सुबह स्नान ध्यान के बाद सबसे पहले मां सरस्वती की पूजा करें, इसके लिए सरस्वती माता के पूजन स्थल को गंगाजल से पवित्र करें। फिर सरस्वती माता की प्रतिमा या पिक्चर को सामने रखकर उनके सामने धूप-दीप, अगरबत्ती, गुगुल जलाएं। इससे वातावरण में सकारात्मकता का प्रवेश होगा और फिर इन स्टेप को फॉलो करते हुए पूजा आरंभ करें।

आसन को मंत्र से शुद्ध करने का मंत्र


ऊं अपवित्र: पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोऽपिवा य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:॥

इन मंत्र से अपने ऊपर और आसन पर 3-3 बार कुश या पीले फूल से छींटें लगाएं फिर आचमन मंत्र बोलते हुए आचमन करें
ऊं केशवाय नम:, ऊं माधवाय नम:, ऊं नारायणाय नम:

फिर हाथ धोएं और आसन शुद्धि मंत्र बोलें

ऊं पृथ्वी त्वयाधृता लोका देवि त्यवं विष्णुनाधृता त्वं च धारयमां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥

माथे पर चंदन लगाएं और अनामिका अंगुली से श्रीखंड चंदन लगाते हुए ये मंत्र बोलें


चन्दनस्य महत्पुण्यम् पवित्रं पापनाशनम्, आपदां हरते नित्यम् लक्ष्मी तिष्ठतु सर्वदा

बसंत पंचमी सरस्वती पूजन के लिए संकल्प मंत्र

हाथ में तिल, फूल, अक्षत मिठाई और फल लेकर इस मंत्र को बोलते हुए संकल्प लें फिर हाथ में रखी हुई सामग्री मां सरस्वती के सामने रखें

सरस्वती पूजन के लिए संकल्प


ॐ विष्णवे नमः, ॐ विष्णवे नमः, ॐ विष्णवे नमः । ॐ अद्य ब्रह्मणो द्वितीयपरार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरेऽष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे बौद्धावतारे भूर्लोके जम्बूद्वीपे भरतखण्डे भारतवर्षे – (अपने नगर/गांव का नाम लें) – नगरे/ ग्रामे विक्रम संवत 2081 पिंगल नाम संवत्सरे माघ मासे शुक्ल पक्षे पञ्चमी तिथौ … वासरे (दिन का नाम जैसे रविवार है तो “रवि वासरे “)..(अपने गोत्र का नाम लें) … गोत्रोत्पन्न … (अपना नाम लें)… शर्मा / वर्मा / गुप्तोऽहम् यथोपलब्धपूजनसामग्रीभिः माघ मासे बसंत पंचमी तिथौ भगवत्या: सरस्वत्या: पूजनमहं करिष्ये।
ganesh puja vasant panchami

अब गणपति की पूजा करें

फूल लेकर गणपतिजी का ध्यान इस मंत्र से करें

गजाननम्भूतगणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्. उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्

हाथ में अक्षत लेकर गणपति जी का आवाहन करें


ऊं गं गणपतये इहागच्छ इह तिष्ठ

अब पात्र में अक्षत रखें

जल लेकर बोलें

एतानि पाद्याद्याचमनीय-स्नानीयं, पुनराचमनीयम् ऊं गं गणपतये नम:


गणपति को लाल चंदन लगाएं

इदम रक्त चंदनम् लेपनम् ऊं गं गणपतये नम:

gansha mantra vasant panchami puja


इसी प्रकार श्रीखंड चंदन बोलकर श्रीखंड चंदन लगाएं और इसके बाद सिंदूर चढ़ाएं

इदं सिन्दूराभरणं लेपनम् ऊं गं गणपतये नम:


दूर्वा और विल्वपत्र गणेश जी को चढ़ाएं और गणेश जी को पीले वस्त्र चढ़ाएं।

इदं पीत वस्त्रं ऊं गं गणपतये समर्पयामि

गणपतिजी को प्रसाद अर्पित करने का मंत्र

इदं नानाविधि नैवेद्यानि ऊं गं गणपतये समर्पयामि:


मिष्ठान अर्पित करने के लिए मंत्र


इदं शर्करा घृत युक्त नैवेद्यं ऊं गं गणपतये समर्पयामि:

प्रसाद अर्पित करने के बाद आचमन कराएं और ये मंत्र बोलें

इदं आचमनयं ऊं गं गणपतये नम:


इसके बाद पान सुपारी चढ़ाएं, और ये मंत्र बोलें


इदं ताम्बूल पुगीफल समायुक्तं ऊं गं गणपतये समर्पयामि:

अब एक फूल लेकर गणपति पर चढ़ाएं और बोलें

एष: पुष्पान्जलि ऊं गं गणपतये नम:


गणपति पूजन की तरह सूर्य सहित नवग्रहों की इसी विधि से पूजा करें, सिर्फ गणेशजी के नाम के स्थान पर नवग्रहों के नाम मंत्र में लें।

basant panchami saraswati puja

सरस्वती पूजा कलश पूजन विधि

घड़े या लोटे पर मौली बांधकर कलश के ऊपर आम का पल्लव रखें। कलश के अंदर सुपारी, दूर्वा, अक्षत, मुद्रा रखें। कलश में मौली लपेटें। नारियल पर वस्त्र लपेट कर कलश पर रखें। हाथ में अक्षत और पुष्प लेकर वरुण देवता का कलश में आवाहन करें
ओ३म् त्तत्वायामि ब्रह्मणा वन्दमानस्तदाशास्ते यजमानो हविभि:
अहेडमानो वरुणेह बोध्युरुशंस मान आयु: प्रमोषी:।
अस्मिन कलशे वरुणं सांगं सपरिवारं सायुध सशक्तिकमावाहयामि, ओ३म्भूर्भुव:
स्व:भो वरुण इहागच्छ इहतिष्ठ. स्थापयामि पूजयामि॥

इसके बाद जिस प्रकार गणेश जी की पूजा की है उसी तरह से वरुण और इंद्र आदि देवताओं की भी पूजा करें।

सरस्वती पूजन ध्यान मंत्र

या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्॥
हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
ये भी पढ़ेंः कल्याणकारी है मां काली जयंती कथा, जानें कैसे उत्पन्न हुईं 10 महाविद्या

देवी सरस्वती की प्रतिष्ठा मंत्र

हाथ में अक्षत लेकर बोलें

ॐ भूर्भुवः स्वः सरस्वती देव्यै इहागच्छ इह तिष्ठ
saraswati puja mantra


इस मंत्र को बोलकर अक्षत छोड़ें। इसके बाद जल लेकर नीचे लिखा मंत्र बोलें

एतानि पाद्याद्याचमनीय-स्नानीयं, पुनराचमनीयम्

प्रतिष्ठा के बाद मां शारदा को स्नान कराएं और नीचे लिखा मंत्र बोलें


ॐ मन्दाकिन्या समानीतैः, हेमाम्भोरुह-वासितैः स्नानं कुरुष्व देवेशि, सलिलं च सुगन्धिभिः, ॐ श्री सरस्वतयै नमः।

लाल चंदन अर्पित करते हुए ये मंत्र बोलें


इदं रक्त चंदनम् लेपनम्।

सिंदूर अर्पित करें


इदं सिन्दूराभरणं।

पुष्प चढ़ाएं फिर माला पहनाएं


ॐ मन्दार-पारिजाताद्यैः, अनेकैः कुसुमैः शुभैः. पूजयामि शिवे, भक्तया, सरस्वतयै नमो नमः.. ॐ सरस्वतयै नमः, पुष्पाणि समर्पयामि।

पीला वस्त्र पहनाएं


देवी सरस्वती को इदं पीत वस्त्रं समर्पयामि।

नैवैद्य, फल आदि अर्पित करें


इदं नानाविधि नैवेद्यानि ऊं सरस्वतयै समर्पयामि।

मिष्ठान अर्पित करने के लिए मंत्र

इदं शर्करा घृत समायुक्तं नैवेद्यं ऊं सरस्वतयै समर्पयामि।


प्रसाद अर्पित करने के बाद आचमन करें –

इदं आचमनयं ऊं सरस्वतयै नम:।

goddess saraswati mantra

देवी सरस्वती को पान सुपारी भेंट करें

इदं ताम्बूल पुगीफल समायुक्तं ऊं सरस्वतयै समर्पयामि।

अब एक फूल लेकर सरस्वती देवी पर चढ़ाएं और बोलें

एष: पुष्पान्जलि ऊं सरस्वतयै नम:।
इसके बाद एक फूल लेकर उसमें चंदन और अक्षत लगाकर किताब कॉपी पर रखें।


आरती की थाल सजाकर देवी सरस्वती की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Saraswati Puja Sampurn Vidhi: बसंत पंचमी पर ऐसे करें सरस्वती पूजा, ये है मंत्र समेत संपूर्ण विधि

ट्रेंडिंग वीडियो