महिला कार्मिक गायत्री ने बताया कि वह नवंबर 2023 से रेलवे स्टेशन स्थित चाइल्ड हेल्प डेस्क में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत है। लेकिन वह काम जिला कलक्ट्रेट में करती थी और काम होने पर स्टेशन पहुंच जाती थी। आरोप है कि वर्तमान में जिला समन्वयक अनिल कुमार के पद का कथित दुरुपयोग कर महिला कार्मिकों को परेशान किया जा रहा था। जिसकी शिकायत कुछ दिन पूर्व जिला कलक्टर एवं सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग को भी की गई थी लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। आरोप है कि जिला समन्वयक कार्मिकों के घर जाकर शिकायत वापस लेने का दवाब बना रहे हैं। जिससे काम करना मुश्किल हो गया है। गायत्री ने मेल में बताया कि उन्होंने सुरक्षा एवं आत्मसम्मान की रक्षा के लिए त्यागपत्र उच्च अधिकारियों को भेज दिया है। आरोप लगाया कि कुछ समय पहले बिना विभागीय अधिकारी की अनुमति के रेलवे स्टेशन पर कार्य कर रही टीम को जिले में शिफ्ट कर दिया और जिले की टीम को स्टेशन पर शिफ्ट कर दिया गया। जिससे सभी को परेशानी उठानी पड़ी।
नारी हूं इसलिए नहीं लड़ सकती… कथित व्यवहार से आहत महिला कार्मिक ने आरोप लगाया कि कार्यस्थल पर मुझे ही नहीं ज्यादातर महिलाओं को परेशान किया जा रहा है लेकिन ज्यादातर महिलाओं की पारिवारिक समस्याएं हैं इसलिए उनकी नौकरी करना मजबूरी है। पत्र में कहा कि वह महिला हैं, लड़ाई नहीं सकती इसलिए अपना त्यागपत्र दे रही हूं।
१० दिन काम किया, पर नहीं मिली राशिमहिला कार्मिक ने आरोप लगाया कि पिछले साल संबंधित एनजीओ का काम खत्म होने पर 25 दिसम्बर 2024 से 4 जनवरी 2025 तक काम किया गया। लेकिन इस दस दिन का वेतन भी नहीं दिया गया। न ही हाजिरी दिखाई जा रही है। जबकि अन्य जिलों में सभी को भुगतान हुआ है। अब ४ जनवरी को जिला स्तर पर नया टेंडर हुआ है।
– उन्हें भी आज ही शिकायत मिली है। संबंधित महिला कार्मिको को मंगलवार को कार्यालय बुलाकर जानकारी ली जाएगी। साथ ही मामले की जांच की जाएगी। – देवेन्द्र सिंह, सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता विभाग धौलपुर