जो लोग खाने के शौकीन हैं या अपनी
फिटनेस का ध्यान रखते हैं, दुनिया भर में उनमें से ज्यादातर लोग एक बात पर सहमत हैं – कि चिकन डिनर हमेशा जबरदस्त होता है! चाहे आप ग्रिल्ड चिकन खाएं, या सलाद में डालें, या फिर कुरकुरे फ्राइड चिकन नगेट्स ही क्यों न बना लें – चिकन सबको बहुत पसंद आता है। इसकी वजह है इसका अपना बढ़िया स्वाद, इसे किसी भी तरीके से बना सकते हैं, और ये मसालों के साथ भी अच्छे से मिल जाता है।
कुल मिलाकर, ये इस्तेमाल करने में आसान है, ज्यादा महंगा भी नहीं है, और लोग अक्सर इसे लाल मांस (जैसे मटन) से ज्यादा Healthy मानते हैं। यह भी पढ़ें :
Best Foods for Kidney Disease : ये 20 Foods आपकी किडनी की लिए है बेस्ट यही नहीं, चिकन में ऐसे विटामिन और मिनरल्स भी होते हैं जो हमारे दिमाग के लिए अच्छे होते हैं। इसमें विटामिन B12 और कोलीन होता है, जो बच्चों का दिमाग तेज करने में मदद कर सकते हैं, हमारे Nervous System को ठीक से काम कराते हैं, और बुढ़ापे में सोचने-समझने की शक्ति भी बढ़ा सकते हैं।
लेकिन, अब एक नई रिसर्च आई है जो शायद चिकन के बारे में आपकी राय थोड़ी बदल दे। तो, सीधे शब्दों में कहें तो – चिकन लोकप्रिय है, सेहतमंद माना जाता है, दिमाग के लिए भी अच्छा है, पर एक नई रिसर्च कह रही है कि इसे खाने से कुछ दिक्कतें भी हो सकती हैं।
Eating Chicken Every Day : रिसर्च क्या कहती है?
‘न्यूट्रिएंट्स’ नामक जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, ज्यादा मात्रा में चिकन या अन्य सफेद मांस (जैसे टर्की, बत्तख) खाने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर से मौत का खतरा बढ़ सकता है। जिन लोगों ने हर हफ्ते 300 ग्राम से ज़्यादा चिकन खाया, उनमें मौत का जोखिम 27% तक बढ़ा पाया गया। पुरुषों में यह खतरा दोगुना तक पाया गया।
Eating Chicken Every Day : रिसर्च कैसे की गई?
इस स्टडी में 4,000 से ज़्यादा लोगों को लगभग 19 साल तक फॉलो किया गया।
इन सभी प्रतिभागियों से खाने-पीने की आदतें, हेल्थ हिस्ट्री और लाइफस्टाइल से जुड़ी जानकारी ली गई। रिसर्च में यह देखा गया कि मांस खाने की मात्रा और किस तरह के मांस को कितनी बार खाया गया, इसका उनके स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ा। यह भी पढ़ें :
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रिसर्च में यह साफ नहीं किया गया कि चिकन कैसे पकाया गया था – यानी फ्राइड चिकन था या ग्रिल्ड। इसके अलावा, यह भी नहीं बताया गया कि वह प्रोसेस्ड था या ताज़ा।
यह बातें न बताना स्टडी की एक सीमा भी है, क्योंकि फ्राइड या प्रोसेस्ड चिकन के असर सेहत पर ज्यादा बुरा हो सकता है।
तो क्या अब चिकन खाना छोड़ दें?
नहीं! रिसर्च यह नहीं कहती कि आपको चिकन से दूर रहना है, बल्कि यह बताती है कि हर चीज़ की हद होती है। अगर आप रोज़ चिकन खा रहे हैं, तो उसकी मात्रा पर ज़रूर ध्यान दें।
डाइट में बैलेंस ज़रूरी है।
चिकन के साथ-साथ दाल, मछली, अंडे, बीन्स जैसे अन्य प्रोटीन स्रोतों को भी शामिल करें। इससे न केवल पोषण का संतुलन बना रहेगा, बल्कि संभावित हेल्थ रिस्क भी कम होंगे। चिकन एक अच्छा प्रोटीन स्रोत है, लेकिन ज्यादा अच्छा, भी अच्छा नहीं होता।
अगर आप हेल्थ कॉन्शस हैं और अपने खाने को लेकर सतर्क रहना चाहते हैं, तो इस रिसर्च को गंभीरता से लेते हुए अपने मील्स को थोड़ा संतुलित बनाएं। चिकन खाएं, लेकिन सोच-समझ कर!