CG News:@ किरण कुमार साहू। इश्क, इज़हार का हफ्ता अब अपने आखिरी पड़ाव पर आ चुका है। शुक्रवार को वैलेन्टाइन डे है। गुलाब के फूलों की पहले ही बंपर बिक्री हो रही है। ऐसे में प्यार का इजहार करने वाले गुलाबों की इस खेती में कितना मुनाफा है! हमने इसका पता लगाने की कोशिश की। एक दिलचस्प केस स्टडी सामने आई। रावड़ गांव में एक किसान ऐसे भी हैं जिन्हें इन गुलाबों ने इतना मुनाफा दिया कि गांव में जगह कम पड़ी, तो उन्होंने दूसरे गांव में जमीन लीज पर लेकर खेती शुरू कर दी है।
प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले गुलाब की बाजार में हमेशा ही जबरदस्त मांग रहती है। खासकर वैलेन्टाइन डे, शादी समेत दूसरे खास मौको पर इस फूल की मांग काफी बढ़ जाती है।
इसे ध्यान में रखते हुए रावड़ गांव के एक किसान ने गुलाब फूल की खेती शुरू की है। अब हर महीने वे अच्छा मुनाफा कमा रहा है। किसान सुदेश देवांगन बताते हैं कि पहले रावड़ गांव में गुलाब की खेती शुरू की थी। यहां उन्हें पिछले कुछ सालों में अच्छा फायदा हुआ। अब सुदेश ने रायपुर जिले के चंपारण गांव में गुलाब की खेती को बढ़ाने का फैसला किया है। इस गांव के 2 एकड़ खेत में पहले से गुलाब के पौधे लगे हुए थे। सुदेश ने इस खेत को लीज पर लिया। यहां गुलाब की खेती शुरू की। इस फैसले से उन्हें हर माह लगभग 70,000 रुपए की आमदनी हो रही है, जो एक बढ़िया मुनाफा है।
धान या दूसरे फसलों से ज्यादा पैदावार इसलिए तगड़ा मुनाफा
सुदेश ने बताया कि गुलाब की खेती में फसल लागत धान या अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा होती है। मुनाफा भी कहीं ज्यादा होता है। इस समय गुलाब के पौधों में फूल आना शुरू हो गया है। वे हफ्ते में दो बार गुलाब तोड़ते हैं। फरवरी का दूसरा सप्ताह इसलिए अहम है क्योंकि इस समय वैलेंटाइन डे के चलते गुलाब की मांग काफी बढ़ जाती है। सुदेश ने बताया कि फिलहाल वे जितनी भी आमदनी कर रहे हैं, उसे फसल की लागत में लगा रहे हैं। कुछ महीनों बाद जब फूलों की संख्या बढ़ेगी, तो मुख्य आमदनी लेना शुरू करेंगे।
फूल को समय पर खिलाने के लिए कलियां कवर की
गुलाब के फूल जल्दी खिलने के बजाय समय पर एकसाथ खिलें, इसलिए सुदेश विशेष तरीका अपनाते हैं। उन्होंने गुलाब की कलियों पर कवर लगा दिया है। चूंकि उन्हें वैलेन्टाइन डे के खास मौके पर फूलों की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने ये तरीका अपनाया। सुदेश बताते हैं कि गुलाब की खेती में खास ध्यान रखना पड़ता है। पौधों की ग्रोथ के लिए वर्मी कंपोस्ट खाद और जैविक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा हर 15 दिन में एक बार पौधों और फूलों को कीटों से बचाने ऑर्गेनिक कीटनाशक दवाओं का भी छिड़काव किया जाता है।
Hindi News / Gariaband / CG News: गुलाब फूल बदल सकता है सोई हुई किस्मत! जमीन न मिली तो गांव बदलकर कर रहे खेती, हो रहा भारी मुनाफा