जानिए पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक इंद्रेश सिंह दिसंबर 2024 में नलकूप विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। अपनी ग्रेच्युटी का भुगतान पाने के लिए उन्होंने विभाग के बाबू ऋषि नंद गौड़ से संपर्क किया। बाबू ने भुगतान करने के लिए 5 हजार की रिश्वत मांगी। इंद्रेश सिंह ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से की। टीम ने योजना बनाकर इंद्रेश सिंह को रिश्वत देते हुए बाबू को रंगे हाथ पकड़ने के लिए प्लान बनाया।
ग्रेच्युटी भुगतान के लिए रिश्वत लेते एंटी करप्शन ने दबोचा
योजना के अनुसार, इंद्रेश सिंह बाबू से कार्यालय के पास चाय की दुकान पर मिले और जैसे ही उन्होंने रिश्वत दी, एंटी करप्शन टीम ने उसी दौरान बाबू को गिरफ्तार कर लिया।एंटी करप्शन टीम ने आरोपी बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। एंटी करप्शन टीम की इस कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मच गया है।