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गोरखपुर

बालिकाओं को सशक्त बना रही योग करने की पहल: -प्रो पूनम टंडन , कुलपति

योग कार्यक्रम शिक्षा के साथ-साथ बालिकाओं के समग्र विकास की दिशा में एक अहम कदम है। यह पहल नारी सशक्तिकरण और समग्र शिक्षा के लक्ष्य को मजबूत करती है। कस्तूरबा विद्यालयों में योग को शामिल कर शिक्षा व्यवस्था को अधिक समावेशी और स्वास्थ्यपरक बनाया जा रहा है।

गोरखपुरMay 21, 2025 / 09:51 pm

anoop shukla

महिला अध्ययन केंद्र ,दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, खोराबार ब्लॉक ,गोरखपुर के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025,”yoga for one earth ,one health” के संकल्प को साकार करते हुए “योगा फॉर गर्ल चाइल्ड एंड स्पेशल एबल्ड चिल्ड्रन ” योग प्रशिक्षण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
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शरीर में इन सुधारों पर केंद्रित रहा प्रशिक्षण

गोरखपुर के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (KGBV) में एक नई पहल के तहत छात्राओं को योग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य बालिकाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संवारना है। आज का कार्यक्रम विशेष रूप से सौंदर्य निखार, महावारी के दौरान होने वाले दर्द, समय से पहले बुढ़ापे की रोकथाम, मस्तिष्क क्षमता बढ़ाने और शरीर की मुद्रा (पोश्चर) सुधारने वाले आसनों पर केंद्रित है।इस कार्यक्रम में सरल लेकिन प्रभावी आसन(योग मुद्राएँ) को योग प्रशिक्षिका नीलम के द्वारा कराया गया।

सौंदर्य और एंटी-एजिंग

योग के नियमित अभ्यास से रक्त संचार सुधरता है, तनाव कम होता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। इससे त्वचा में निखार आता है और चेहरा तरोताजा व युवा बना रहता है। विशेष आसनों (सर्वांगासन, भुजंगासन, अधोमुख श्वानासन, कपालभाति प्राणायाम) के अभ्यास से चेहरे की चमक और आत्मविश्वास दोनों में वृद्धि देखी गई है।

मस्तिष्क को सशक्त बनाता योग

विद्यालयों में योग के शामिल होने से छात्राओं की एकाग्रता, स्मरण शक्ति और मानसिक स्पष्टता में सुधार हुआ है। मत्स्यासन, गरुड़ासन और धनुरासन जैसे आसनों से मस्तिष्क सक्रिय होता है और तनाव घटता है, जिससे पढ़ाई में रुचि और प्रदर्शन बेहतर होता है।

शारीरिक मुद्रा (Posture) में सुधार

लंबे समय तक बैठने और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण छात्राओं की शरीर मुद्रा बिगड़ सकती है। योग से रीढ़ मजबूत होती है और शरीर में संतुलन बना रहता है। ताड़ासन, उत्तानासन और भुजंगासन जैसे आसनों से छात्राएं सीधी मुद्रा में बैठने और खड़े रहने की आदत विकसित कर रही हैं।

शरीर के विभिन्न दर्द कम करने वाले योग

इसके साथ ही प्रशिक्षिका नीलम ने बताया कि पीरियड (मासिक धर्म) के दौरान दर्द (क्रैम्प्स) को कम करने और शरीर को आराम देने के लिए कुछ प्रभावी योगासन होते हैं। ये योगासन पेट, पीठ और कमर के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं जैसे की बालासन, सुप्त बद्ध कोणासन, सेतु बंधासन, अपानासन और अधोमुख श्वानासन आदिl

योग के साथ स्वास्थ्य आहार की महत्वता

कार्यक्रम में गृह विज्ञान विभाग की सहायक आचार्य डॉ अनुपम कौशिक उपस्थित रही जिन्होंने बालिकाओं को योग के साथ-साथ स्वास्थ्य आहार की महत्ता को समझाया। बालिकाओं से बात करते हुए समझाया की अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन और खनिज लवण को सम्मिलित करना चाहिए जैसे की दाल एवं फलिया हरी सब्जियां, मौसमी फल एवं दूध और पनीर जो कि उनके समग्र विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। यह संतुलित आहार न केवल उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए आवश्यक है बल्कि यह कुपोषण, एनीमिया और कैल्शियम की कमी जैसी समस्याओं से भी बचते हैंl
कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की वार्डन श्रीमती नीतू श्रीवास्तव भी उपस्थिति रही इनके सहयोग से कार्यक्रम सफल रहा। विद्यालय की शिक्षिकाओं के साथ साथ गृह विज्ञान विभाग की शोध छात्राएं काजोल आर्यन, शिवांगी मिश्रा , कीर्ति उपस्थित रही।

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