क्या जुड़वां बच्चों के जन्म से बढ़ता है Heart Disease का खतरा?
High blood pressure during pregnancy : एक अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं जुड़वां बच्चों को जन्म देती हैं, वे उन महिलाओं के मुकाबले दो गुना ज्यादा हृदय रोग का सामना करने के जोखिम में होती हैं जो एक बच्चे को जन्म देती हैं।
Women with twins heart disease risk : जुड़वां बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं में हृदय रोग होने का खतरा उन महिलाओं की तुलना में दोगुना होता है जो अकेले बच्चे को जन्म देती हैं। यह खुलासा एक हालिया अध्ययन में हुआ है।
Heart disease risk after twin birth : अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित इस शोध के अनुसार, जुड़वां बच्चों की मां बनने वाली महिलाओं में प्रसव के एक साल के भीतर हृदय रोग के कारण अस्पताल में भर्ती होने की संभावना अधिक होती है।
प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर से और बढ़ता है खतरा High blood pressure during pregnancy
विशेष रूप से उन महिलाओं में यह जोखिम और भी बढ़ जाता है जिन्होंने गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप (प्री-एक्लेमप्सिया) की समस्या का सामना किया हो।
अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में यह सामने आया कि हाल के वर्षों में दुनिया भर में जुड़वां गर्भधारण की दर में वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण प्रजनन उपचार (फर्टिलिटी ट्रीटमेंट) और मातृत्व की बढ़ती उम्र है।
अध्ययन की प्रमुख लेखिका और रटगर्स रॉबर्ट वुड जॉनसन मेडिकल स्कूल की मातृ-भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. रूबी लिन ने बताया,
“जुड़वां गर्भधारण के दौरान हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है और प्रसव के बाद इसे सामान्य स्थिति में लौटने में अधिक समय लगता है।”
शोध में शामिल आंकड़े
शोधकर्ताओं ने 2010 से 2020 के बीच अमेरिका में 3.6 करोड़ अस्पताल प्रसवों के आंकड़ों का विश्लेषण किया।
परिणामों में पाया गया कि जुड़वां गर्भधारण वाली महिलाओं में प्रसव के एक साल के भीतर हृदय रोग से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने की दर 1,105.4 प्रति 1,00,000 प्रसव थी, जबकि एकल गर्भधारण वाली महिलाओं में यह दर 734.1 प्रति 1,00,000 प्रसव थी।
हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ा बड़ा खतरा
जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की समस्या नहीं थी, उनमें भी जुड़वां गर्भधारण वाली महिलाओं के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना एकल गर्भधारण वाली महिलाओं की तुलना में दोगुनी थी।
जबकि, जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर था, उनमें यह जोखिम आठ गुना अधिक देखा गया।
लंबी अवधि में जोखिम में बदलाव
दिलचस्प बात यह रही कि प्रसव के एक साल बाद, किसी भी कारण से मृत्यु दर जुड़वां गर्भधारण वाली महिलाओं की तुलना में एकल गर्भधारण वाली महिलाओं में अधिक देखी गई। यह संकेत देता है कि लंबी अवधि में जुड़वां गर्भधारण वाली महिलाओं के लिए जोखिम कम हो सकता है, जबकि एकल गर्भधारण वाली महिलाओं में अन्य हृदय संबंधी समस्याओं की संभावना बनी रह सकती है।
फर्टिलिटी ट्रीटमेंट लेने वालों को विशेष सतर्कता जरूरी
डॉ. लिन ने कहा कि जो महिलाएं उन्नत आयु, मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप या हृदय रोग जैसी स्थितियों के साथ फर्टिलिटी ट्रीटमेंट ले रही हैं, उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि जुड़वां गर्भधारण से हृदय संबंधी जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
डॉक्टरों के लिए सलाह विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं से आग्रह किया है कि वे हाई-रिस्क गर्भधारण वाली महिलाओं की प्रसव के बाद कम से कम एक वर्ष तक निगरानी जारी रखें ताकि हृदय रोग से जुड़ी किसी भी संभावित समस्या का जल्द पता लगाया जा सके।
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