basketball Ground : रेलवे के डीआरएम कार्यालय से लगे रेलवे ग्राउंड में बॉस्केटबॉल के लिए बनाया गया सिंथेटिक कोर्ट खराब हो गया है। इसे 35 लाख रुपयों से बनाया गया था। जगह-जगह से एक्रेलिक फर्श उखड़ रहा है। रेलवे अफसरों ने इसकी मरम्मत में भी खानापूर्ति की है। क्षतिग्रस्त हिस्से में सीमेंट पोत दी गई है। जानकारों का कहना है कि इससे यहां प्रतियोगिताएं कराना संभव नहीं है। फर्श के खराब होने की वजह से खिलाड़ियों की प्रेक्टिस बंद हो गई है। जिम्मेदार दलील दे रहे हैं कि इसकी मरम्मत के लिए एजेंसी से बात की गई है।
कृत्रिम घास के साथ विशेष केमिकलयुक्त कोटिंग से तैयार किए एस्टोटर्फ में जगह-जगह से दरार पड़ गई है। इसमें सबसे ज्यादा कोट उस जगह पर क्षतिग्रस्त हुआ है, जहां से बॉस्केट में बॉल फेंकने का प्वाइंट (गोल प्वाइंट) है। इसके अलावा किनारे भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इससे प्रेक्टिस के दौरान इसमें खिलाड़ी के गिरने की आशंका बनी रहती है। इसके क्षतिग्रस्त हिस्से में सीमेंट भर दी गई है। इससे गोल प्वाइंट पर खिलाड़ियों को दिक्कत हो रही है। प्रेक्टिस के दौरान यहां बॉल पुशिंग के दौरान पैर फंस रहा है या फिर बॉल फेंकने के पहले पैर स्लिप हो रहा है।
basketball Ground : कोर्ट में ग्राउंड की घास
घास की कटिंग नहीं होने की वजह से ग्राउंड की घास बढ़कर कोर्ट में आ रही है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस घास की जड़ से कोट के खराब होने की आशंका है। उधर, यह भी सामने आ रहा है कि एस्टोटर्फ के किनारे इसलिए ही क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। पश्चिम-मध्य रेलवे के एजीएम नितिन चौधरी का कहना था कि रेलवे ग्राउंड के एस्टोटर्फ की मरम्मत किए जाने के लिए एजेंसी से बातचीत की गई है। इस्टीमेट भी आ गया है, जिससे इसका रखरखाव किया जा सकेगा।
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