scripthigh-tech farming : jabalpur में हाईटेक हो रही खेती: डिग्रियां लेकर युवा लौटे ‘खेत-खलिहान’ | high-tech farming : Youth returned to farming with degrees | Patrika News
जबलपुर

high-tech farming : jabalpur में हाईटेक हो रही खेती: डिग्रियां लेकर युवा लौटे ‘खेत-खलिहान’

high-tech farming : उच्च शिक्षा हासिल कर खेत-खलिहान लौटे युवा उन्नत खेती से अलग पहचान बना रहे हैं।

जबलपुरFeb 07, 2025 / 03:39 pm

Lalit kostha

high-tech farming

high-tech farming

high-tech farming : उच्च शिक्षा हासिल कर खेत-खलिहान लौटे युवा उन्नत खेती से अलग पहचान बना रहे हैं। वे सब्जी, फल से लेकर अनाज की खेती कर खुद भी लाखों कमा रहे हैं वहीं दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित कर रहे हैं। इन युवाओं का कहना है कि दूसरे की नौकरी करने से बेहतर उन्होंने स्वयं के व्यवसाय के तौर पर खेती को चुना। शिक्षा के अनुभव और तकनीकी ज्ञान का उपयोग खेत-खलिहान में किया और परिणाम सामने है। वे खेती में नवाचार कर जहां अच्छा उत्पादन कर रहे हैं। आज उनकी सालाना आय किसी भी बड़ी नौकरी के पैकेज से कम नहीं है।
high-tech farming

high-tech farming : 50 टन अमरूद का उत्पादन

घुंसौर के केपी सिंह गुड्डा ने एग्रीकल्चर से बीएससी की पढ़ाई की तो उनके पास नौकरी के लिए कई मल्टी नेशनल कंपनियों से ऑफर थे, लेकिन उन्होंने खेती करने का निर्णय लिया। उन्होंने 5 एकड़ भूमि पर अमरूद लगाया। ताइवान पिंक व रेड डायमंड किस्म के अमरूद लगाए। सीजन में प्रति एकड़ 10 टन के लगभग अमरूद का उत्पादन हो रहा है। इसी सीजन में 50 टन अमरूद का उत्पादन हुआ है। 10 एकड़ में अमरूद की नई पौध लगाई है। इसके साथ ही वे मटर व धान की भी खेती कर रहे रहे हैं।

Reels के लिए उतार दिए पूरे कपड़े, वीडियो हुआ वायरल, अब खोज रही पुलिस

high-tech farming
Bihar News: प्रतीकात्मक फोटो

high-tech farming : ऐसे कर रहे हाईटेक खेती

  • मौसम को लेकर रहते हैं अपडेट
  • वैज्ञानिक सलाह,अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग
  • खेती में विविधता
  • फल, सब्जी की खेती को लेकर नवाचार
  • जैविक खेती के लिए स्वयं तैयार करते हैं खाद, उर्वरक, कीटनाशक
  • ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर सेपानी-बिजली की बचत
  • फसल चक्र का उपयोग करमिट्टी की उर्वरता बढ़ाना
  • कीटों और रोगों का समय पर प्रबंधन
  • प्रेसिजन फार्मिंग में ड्रोन, सेंसर का उपयोग
  • वर्टिकल फार्मिंग से फसल की उत्पादकता बढ़ाना
high-tech farming

high-tech farming : कोरोना काल से ली सीख, एमबीए के बाद चुनी खेती

एमबीए की पढ़ाई के बाद कोरोना काल में देखा की लोगों की नौकरी जा रही हैं, विदेश से लेकर महानगरों से लोग वापस लौट रहे हैं। ऐसे में शहपुरा के रहने वाले सौरभ पटैल ने एमबीए के बाद शिक्षा का उपयोग खेती में करने का निश्चय किया। पैतृक भूमि के साथ सिकमी पर भी जमीन ली। समय पर बुवाई, वैज्ञानिक सलाह और उचित खाद-उर्वरक का उपयोग किया। परिणाम यह हुआ कि अन्य किसानों के बजाय मटर की खेती में प्रति एकड़ 1 लाख रुपये तक की बचत कर रहे हैं। वहीं धान की फसल में प्रति एकड़ 60 हजार तक की बचत हो रही है। वे 100 एकड़ में खेती कर रहे हैं। एफपीओ भी बनाया है जिसके माध्यम से वे मटर व हरी सब्जियां दूसरे शहरों की मंडियों को भेजते हैं। इससे अन्य किसानों को भी उपज की सही कीमत मिल रही है।
high-tech farming

high-tech farming : बीएससी के साथ कर रहे जैविक खेती

कृषि विश्वविद्यालय से कृषि की पढ़ाई कर रहे फुलर गांव के उत्कर्ष ठाकुर 60 एकड़ में जैविक खेती कर रहे हैं। वे मटर, गेहूं के साथ ही सब्जियां उगा रहे हैं। उन्होंने 3 एकड़ में टमाटर व 3.5 एकड़ में हरी मिर्च लगाई है। उनका कहना है कि खेती में केमिकल के बढ़ते उपयोग के कारण उपज मानव शरीर के लिए नुकसानदायक होती जा रही है। शिक्षा का उपयोग प्राकृतिक तरीके से खेती के लिए कर रहे हैं। वे जैविक खाद, कीटनाशक, उर्वरक भी तैयार करते हैं।

Hindi News / Jabalpur / high-tech farming : jabalpur में हाईटेक हो रही खेती: डिग्रियां लेकर युवा लौटे ‘खेत-खलिहान’

ट्रेंडिंग वीडियो