water supply leakage : मुंबई, दिल्ली में रोबोट ढूंढ़ रहे लीकेज, जबलपुर में अंदाजे से हो रही खुदाई!
water supply leakage : मेट्रो शहरों में जहां अंडरग्राउंड पाइपलाइनों के लीकेज को रोबोट मिनटों में ढूंढ लेते हैं, वहीं शहर में आज भी अंदाजे से खुदाई होती है।
water supply leakage : मेट्रो शहरों में जहां अंडरग्राउंड पाइपलाइनों के लीकेज को रोबोट मिनटों में ढूंढ लेते हैं, वहीं शहर में आज भी अंदाजे से खुदाई होती है। इससे हजारों लीटर पानी की बर्बादी, कई दिनों तक जलापूर्ति ठप और जनता को परेशानी मिलती है। पिछले छह महीनों में रमनगरा, ललपुर और रांझी जल शोधन संयंत्रों की पाइपलाइनों में तीन बड़े लीकेज सामने आए हैं।
water supply leakage : हजारों लीटर पानी बर्बाद, जलापूर्ति ठप, नगर निगम नहीं कर रहा तकनीक में सुधार
हर बार इन्हें ठीक करने में कई दिन लगे, इस दौरान शहर के बड़े इलाकों में पानी की सप्लाई प्रभावित रही। नगर निगम के पास लीकेज ढूंढने का कोई आधुनिक सिस्टम नहीं है, जबकि मुंबई, दिल्ली, और बेंगलुरु जैसे शहर रोबोट तकनीक से इस समस्या को हल कर रहे हैं।
water supply leakage : गेमचेंजर है रोबोट तकनीक
मुंबई में पाइपलाइन रोबोट लीकेज को साउंड अलर्ट से पकड़ता है। दिल्ली में वाटरप्रूफ परीक्षक रोबोट और बेंगलुरु में डीप अंडरग्राउंड डिटेक्शन डिवाइस ने पानी की बर्बादी बेहद कम कर दी है। इंदौर नगर निगम भी अब इस तकनीक को अपनाने की तैयारी में जुटा है। यह रोबोट पाइपलाइन के ऊपर से गुजरते हैं और लीकेज होने पर सिग्नल देते हैं। लीकेज मिलते ही रोबोट अलर्ट जारी कर देता है और तेजी से सुधार कार्य होने लगता है। इससे लाखों लीटर शुद्ध जल की बचत होती है। जबलपुर जैसे शहर के लिए यह तकनीक गेमचेंजर हो सकती है। रोबोट के उपयोग से सालाना करोड़ों लीटर पानी बचाया जा सकता है।
water supply leakage : नगर निगम की नाकामी
65 टंकियों और सैकड़ों किलोमीटर पाइपलाइन के जरिए ललपुर, रमनगरा रांझी व भोंगाद्वार जैसे बड़े संयंत्रों से शहर भर में पानी पहुंचता है। इतना बड़ा नेटवर्क होने के बाद भी निगम के पास लीकेज खोजने के लिए कोई आधुनिक सिस्टम नहीं है। पानी सड़क पर बहने की बाद जगह-जगह गड्ढे खोदकर लीकेज देखा जाता है। पिछले लीकेजों में हजारों लीटर पानी बर्बाद होने पर भी निगम ने तकनीक सुधार पर कोई कदम नहीं उठाया। नगर निगम अभी भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है।
water supply leakage : शहर में बड़ी चुनौती है कि पुराने समय में बिछाई गई ज्यादातर पाइप लाइन का डाटा और मैपिंग ही नहीं है। लेकिन, जिन इलाकों का डाटा या मैपिंग है, उनमें रोबोट उपयोगी हो सकता है। इसे देखते हुए लीकेज डिटेक्टर रोबोट के जो भी विकल्प उपलब्ध हैं, उनको लेकर जानकारी ली जाएगी। ताकि, शहर के अनुकूल रोबोट नगर को मिल सके, जो यहां उपयोगी हो।
प्रीति यादव, आयुक्त नगर निगम
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