यह बातें प्रदेश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने कही है। उन्होंने कहा कि ट्रांसपरेंट और सुरक्षित चुनाव कराने की जिम्मेदारी है और बस्तर में यह एक चुनौती बन जाती है। लेकिन इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। इधर कई वार्ड में ईवीएम व अन्य प्रपत्र के बारे में जानकारी दी जा रही है।
मतदाताओं के लिए भी विशेष व्यवस्था
बस्तर में पिछले सालों की तुलना में वर्तमान में बेहतर स्थिति है, इस बार कोशिश की गई है कि
नक्सल प्रभावित जिलों के अंदरूनी इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को मतदान करने के लिए ज्यादा दूरी तय न करना पड़े। इसके लिए कई मतदान केंद्रो को शिफ्ट भी किया गया है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो के मतदान केंद्रों में मतदाताओ की सुविधा के लिए भी खास ध्यान रखा जा रहा है। आयोग की तरफ से इस बार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़े इसके लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है।
प्रवास के दौरान मतदान केंद्रों का किया निरीक्षण
छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह मंगलवार को अपने एक दिवसीय प्रवास पर जगदलपुर पहुंचे थे। यहां उन्होंने नक्सल प्रभावित सुकमा और बस्तर जिले का दौरा किया और यहां पर स्ट्रांग रूम का निरीक्षण करने के साथ ही मतदान केंद्रों और काउंटिंग हाल का निरीक्षण किया। साथ ही अधिकारियों के साथ चुनाव की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की।
जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए खास निर्देश
मुख्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने कहा कि बस्तर संभाग नक्सल प्रभावित क्षेत्र है और यहां शांतिपूर्ण चुनाव कराना आयोग के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है। इस वजह से उन्होंने चुनाव से पहले सारी तैयारियो का जायजा ले लिया है। साथ ही अंदरूनी क्षेत्रों में चुनाव प्रचार -प्रसार के दौरान जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए पुलिस के आला अधिकारियों को खास निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मुख्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने कहा कि बस्तर में चुनाव संपन्न कराने के लिए केंद्र से अतिरिक्त फोर्स की मांग की गई है। साथ ही इस बार भी अंदरुनी इलाको के मतदान केंद्रों तक मतदान दल और फोर्स को पहुचाने के लिए इस चुनाव में भी हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी।