scriptझीरम घाटी हमले की 12वीं बरसी आज… देश के सबसे बड़े राजनीतिक हत्याकांड को नक्सलियों ने दिया था अंजाम | Jhiram Ghati Attack: 12th anniversary of Jheeram Valley attack | Patrika News
जगदलपुर

झीरम घाटी हमले की 12वीं बरसी आज… देश के सबसे बड़े राजनीतिक हत्याकांड को नक्सलियों ने दिया था अंजाम

Jhiram Ghati Attack: 25 मई 2013 को एक ऐसी नक्सली घटना हुई जिसने न सिर्फ छत्तीसगढ़ को बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया। बसव राजू वही था जिसने इस सबसे बड़े राजनीतिक हत्याकांड की प्लानिंग की थी।

जगदलपुरMay 25, 2025 / 11:23 am

Laxmi Vishwakarma

झीरम घाटी हमले की 12वीं बरसी (Photo- Patrika)

झीरम घाटी हमले की 12वीं बरसी (Photo- Patrika)

Jhiram Ghati Attack: आकाश मिश्रा/25 मई 2013 इस तारीख को इस साल न्याय मिलने वाला है। इसी तारीख को देश के सबसे बड़े राजनीतिक हत्याकांड को नक्सलियों ने अंजाम दिया था। अब इस कांड में मारे गए लोगों के परिजनों को न्याय मिल रहा है। यह झीरम कांड के न्याय का साल है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन नक्सलियों ने झीरम कांड को अंजाम दिया उनके खात्मे का दौर जारी है।

Jhiram Ghati Attack: राजनीतिक हत्याकांड की प्लानिंग

केंद्र सरकार नक्सलियों के खात्मे की डेड लाइन तय कर चुकी है। रविवार को झीरम कांड की 12वीं बरसी है और जब अगले साल 13वीं बरसी आएगी तब तक सशस्त्र नक्सलवाद का खात्मा हो चुका है। (Jhiram Ghati Attack) यह एक दावा है लेकिन इस दावे को बल इसलिए मिल रहा है क्योंकि छत्तीसगढ़ समेत तेलंगाना, महाराष्ट्र और ओडिशा में नक्सलियों के खात्मे का काम तेजी से चल रहा है। झीरम घाटी कांड के मुख्य साजिशकर्ता बसव राजू को अबूझमाड़ के जंगलों में चार दिन पहले ही ढेर किया गया।
यह भी पढ़ें

IED Blast in Bijapur: IED ब्लास्ट में मासूमों की मौत, नक्सलियों ने मांगी माफी, जानें क्या कहा?

बसव राजू वही था जिसने इस सबसे बड़े राजनीतिक हत्याकांड की प्लानिंग की थी। बसव राजू उस वक्त नक्सलियों की सैन्य इकाई का प्रमुख था। उसके नेतृत्व में ही नक्सलियों ने बस्तर जिले की झीरम घाटी को घेरा था और कांग्रेस की टॉप लीडरशीप समेत 30 से ज्यादा लोगों को बेहरहमी से मार डाला था। पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, वरिष्ठ कांग्रेसी महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल, उदय मुदलियार जैसे बड़े नेता इस हमले में मारे गए थे।

25 मई 2013 को झीरम घाटी में यह हुआ था

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2013 के पहले कांग्रेस ने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की थी। उस दौरान राज्य में भाजपा सरकार थी। इस परिवर्तन यात्रा के जरिए कांग्रेस सत्ता पर काबिज होना चाह रही थी। कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा सुकमा से जगदलपुर लौट रही थी। इसी बीच 25 मई 2013 को एक ऐसी नक्सली घटना हुई जिसने न सिर्फ छत्तीसगढ़ को बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया।
इस घटना में नक्सलियों ने एक साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के कई नेताओं को मौत के घाट उतार दिया। मरने वालों में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, विद्या चरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित लगभग 30 से ज्यादा नेता, कार्यकर्ता और कई जवान शामिल थे। (Jheeram Valley attack) इतना बड़ा राजनीतिक नरसंहार देश में इससे पहले नहीं हुआ।
Jhiram Ghati Attack

जांच नहीं अब प्रहार से न्याय देने का काम चल रहा

झीरम घाटी कांड की जांच से भले ही कुछ खास नहीं हुआ पर अब पिछले डेढ़ साल से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ जो चल रहा है उससे पीडि़त परिवार बेहद खुश हैं। झीरम घाटी को जिन लोगों ने सबसे करीब से देखा वह भी केंद्र और राज्य सरकार की कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं। उनका कहना है न्याय तो आखिर न्याय होता है अब वह चाहे जैसे मिले। इस कांड में शामिल रहे कई नक्सली अब तक मारे जा चुके हैं। जो बचे हैं उन्हें मार्च 2026 तक खत्म करने का दावा सरकार लगातार कर रही है।
यह भी पढ़ें

Abujhmad Encounter: अबूझमाड़ मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की हुई शिनाख्त, सभी पर था 21 लाख का ईनाम

एनआईए ने क्लोजर में कहा था दहशत फैलाने की गईं हत्याएं

Jhiram Ghati Attack: साल 2013 में हुए झीरम नक्सली हमले की जांच की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने घटना के दो बाद ही 27 मई 2013 को एनआईए को सौंप दी। एनआईए ने इस मामले की पहली चार्ज सीट 24 सितंबर 2014 को विशेष अदालत में दाखिल की। इस मामले में 9 गिरफ्तार नक्सली सहित कुल 39 लोगों को आरोपी बनाया गया। इसके बाद 28 सितंबर 2015 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें 88 और आरोपियों के नामों को शामिल किया गया।
इस मामले में जैसे ही चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई, अधूरी जांच, राजनीतिक दबाव, नक्सली लीडर्स को बचाने जैसे आरोप लगने शुरू हो गए। इसके बाद एनआईए की क्लोजर रिपोर्ट आई जिसमें कहा गया कि नक्सलियों ने दशहत फैलाने के लिए कांड को अंजाम दिया था। एनआईए को कोई अन्य एंगल इसमें नहीं मिला। इसके बाद 2018 में जब कांग्रेस की सरकार आई तो तो भूपेश बघेल ने जांच के लिए एसआईटी गठित की। एसआईटी की जांच चल ही रही थी कि इस पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया।

Hindi News / Jagdalpur / झीरम घाटी हमले की 12वीं बरसी आज… देश के सबसे बड़े राजनीतिक हत्याकांड को नक्सलियों ने दिया था अंजाम

ट्रेंडिंग वीडियो