राजस्थान में मार्च मध्य के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं सियासी हलकों में बहुत तेजी से चल रही है। सियासी हलकों में यह चर्चाएं है कि मार्च या अप्रेल में प्रदेश सरकार में बदलाव होे सकता है। मंत्रियों के विभागों में बदलाव तो तय ही माना जा रहा है। पार्टी आलाकमान विधानसभा सत्र के दौरान मंत्रियों की परफार्मेंस पर नजर बनाए हुए है।
प्रदेश के कुछ नेताओं से दिल्ली के बड़े नेताओं की इसको लेकर बातचीत भी चल रही है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान किरोड़ी प्रकरण का भी पटाक्षेप हो सकता है। किरोड़ी लाल मीना ने मंत्री पद से पिछले साल इस्तीफा दिया था, लेकिन आज तक उनके इस्तीफेे पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। मीना के बयानों से आए दिन सरकार घिरती हुई नजर भी आती है। इससे नाराज होकर पार्टी ने हाल ही में मीना को नोटिस भी जारी किया था। इस नोटिस के बाद से किरोड़ी की बयानबाजी में नरमी भी नजर आने लगी है।
छह नए मंत्री बनाने की गुंजाइश
राजस्थान में कुल विधानसभा सीटों की पन्द्रह प्रतिशत सीटें यानी 200 में से 30 का मंत्रिमंडल हो सकता है। इसमें सीएम भी शामिल है। वर्तमान में सीएम सहित कुल 24 मंत्री हैं। छह नए मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश अभी भी है। वर्तमान मंत्रिमंडल में सीएम के अलावा दो डिप्टी सीएम, 12 कैबिनेट मंत्री, चार राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और पांच राज्यमंत्री शामिल हैं। फेरबदल या विस्तार, यह निर्णय बाकी
पार्टी को अभी यह भी तय करना है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल करना है या फिर विस्तार करना है। मंत्रिमंडल के ज्यादातर सदस्य पहली बार ही मंत्री बने हैं। ऐसे में सवा साल के कार्यकाल में ही उनके कामकाज की समीक्षा करनी है या फिर सिर्फ विस्तार करना है। यह भी चर्चा चल रही है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आलाकमान यदि फेरबदल करेगा तो समीक्षा पूरे मंत्रिमंडल की ही होगी।