दरअसल, सांगानेर के पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल सैयद मशकूल अली के खिलाफ छात्राओं ने शिकायत दी थी। छात्राओं ने कॉलेज में खुद को असुरक्षित तक बता दिया था। शिकायत के बाद सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी।
कमेटी में खेतान पोलिटेक्निक, अजमेर कॉलेज प्रिंसिपल और एक रिटायर्ड प्रिंसिपल को शामिल किया था। कमेटी ने छात्राओं के बयान लिए। इधर, प्रिंसिपल सैयद मशकूल अली का भी पक्ष जाना। कमेटी ने पूरी रिपोर्ट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन को भेेजी। इसके बाद बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन ने रिपोर्ट को सरकार को भेज दिया। कमेेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्मिक विभाग ने प्रिंसिपल को सस्पेंड कर जोधपुर मुख्यालय भेज दिया।
रिपोर्ट विभाग को भेजी
हमने रिपोर्ट कार्मिक विभाग को भेज दी थी। छात्राओं की शिकायत के आधार पर कमेटी बनाई थी। प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई आलोक बंसल, संयुक्त निदेशक, बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन कार्रवाई महज खानापूर्ति साबित हो रही
खेतान पोलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल विनोद जांगिड़ ने बताया कि सरकार ने इस पूरे प्रकरण में भले ही कार्रवाई कर दी, लेकिन यह खानापूर्ति साबित हो रही है। छात्राओं से साथ बदसलूकी के मामले में सरकार ने प्रिंसिपल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए नहीं लिखा। छात्राओं की शिकायत थी। कमेटी ने जांच की ली। छात्राओं ने प्रिंसिपल पर आरोप लगाए हैं। हमने छात्राओें के बयान लिए। रिपोर्ट विभाग को भेज दी है।