सदन से कांग्रेस का वॉकआउट
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया। जूली ने कहा कि हमने स्पीकर के चेंबर में वार्ता के दौरान पूरे घटनाक्रम पर खेद व्यक्त किया है। अब हम चाहते हैं कि मंत्री अविनाश गहलोत भी अपने बयान पर माफी मांगे। लेकिन सत्ता पक्ष इस पर कोई जवाब नहीं दे रहा है। इसलिए हमने सदन का बहिष्कार किया है।
मंत्री की माफी पर टकराव जारी
सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच मुख्य विवाद इस बात को लेकर है कि क्या मंत्री अविनाश गहलोत को इंदिरा गांधी पर दिए गए बयान पर माफी मांगनी चाहिए या नहीं। विपक्ष का तर्क – डोटासरा से माफी की मांग करना ठीक है, लेकिन विवाद की जड़ मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी है, इसलिए उन्हें पहले माफी मांगनी चाहिए। सत्ता पक्ष का तर्क – डोटासरा ने सदन की कार्यवाही बाधित की, इसलिए उनसे ही खेद जताने की उम्मीद की जा रही है।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने डोटासरा पर निशाना साधते हुए कहा कि एक सदस्य पूरे सदन को हाईजैक करना चाहते हैं। ऐसे सदस्य की कोई सुनवाई नहीं होनी चाहिए। विपक्ष सिर्फ हंगामा करने में जुटा है। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष जूली ने सदन से बायकॉट करके जाने की घोषणा की। कांग्रेस विधायक अब ना पक्ष लॉबी में बैठक कर रहे हैं।
माफी पर अड़ा पक्ष-विपक्ष
इससे पहले इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सत्ता पक्ष का कहना है कि स्पीकर के सामने मीटिंग में तय हुआ कि पीसीसी चीफ डोटासरा डायस पर चढ़ने की घटना पर माफी मांगेंगे। इसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने घटना को खेदजनक बताया लेकिन सीधे शब्दों में खेद व्यक्त नहीं किया। इस पर स्पीकर ने कहा कि मैं खेद व्यक्त करता हूं सीधा ये लाइन बोल दें। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सदन में हुए घटनाक्रम पर खेद जताया, लेकिन उन्होंने सीधे माफी नहीं मांगी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे आग्रह किया कि अध्यक्ष की टेबल तक जाने की घटना पर वे खेद व्यक्त करें। लेकिन डोटासरा ने इसके लिए मंत्री अविनाश गहलोत से पहले माफी मांगने की मांग कर दी। डोटासरा ने कहा कि पहले मंत्री अपनी टिप्पणी पर माफी मांग ले फिर मैं मांग लूंगा।
निलंबित विधायकों की बहाली अटकी
बताते चलें कि इस गतिरोध के चलते कांग्रेस के 6 निलंबित विधायकों की बहाली भी अटक गई। डोटासरा सहित सभी निलंबित विधायक फिलहाल सदन में वापस नहीं आ सकेंगे, क्योंकि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाई है।