जेएनएल मार्ग पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनकर तैयार है, लेकिन इसे शुरू नहीं किया गया। वहीं, खेतान पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रस्तावित इंजीनियरिंग कॉलेज की नींव तक अभी नहीं रखी गई हैं। दूसरी तरफ, जयपुर में घोषित दिव्यांग यूनिवर्सिटी को विकसित नहीं किया गया है।
दो साल बाद भी जमीन आवंटित नहीं
कांग्रेस सरकार ने दिव्यांग यूनिवर्सिटी की घोषणा की, लेकिन इस यूनिवर्सिटी का फायदा दिव्यांग छात्रों को अभी तक नहीं मिल पा रहा है। दो साल बाद भी यूनिवर्सिटी को जमीन आवंटित नहीं हुई है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी ने सरकार से 200 पदों की स्वीकृति मांगी है, वह भी नहीं दी गई है। कांग्रेस सरकार के टॉप प्रोजक्ट्स में शामिल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का भवन 400 करोड़ रुपए में बनकर तैयार है, लेकिन पिछले चार महीने से फीता नहीं कट पा रहा है। इधर, आरएसआरडीसी की ओर से भी सरकार को भवन को हैंडओवर लेने के लिए कहा जा रहा है। नए भवन में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइसेंज संचालित किया जाएगा। यहां गवर्नेंस और सोशल साइसेंज से जुड़े विषय पढ़ाए जाएंगे। इसमें टिकरिंग लैब, छात्रावास, राधाकृष्ण लाइब्रेरी और कोचिंग सेंटर शुरू होगा।
दो साल पहले घोषणा, भवन तक नसीब नहीं
राजधानी के एकमात्र सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज को अभी तक भवन भी नसीब नहीं हुआ है। दो साल पहले कांग्रेस सरकार ने बजट में इसकी घोषणा की थी और 100 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा था। अभी इंजीनियरिंग कॉलेज को खेतान पॉलिटेक्निक कॉलेज में संचालित किया जा रहा है, जहां करीब 300 छात्र पढ़ रहे हैं। इधर, कॉलेज के लिए करीब ढाई एकड़ जमीन स्वीकृत की गई है। ऐसे में इंजीनियरिंग कॉलेज को इतनी कम जगह में बनाना संभव नहीं है।