हाईकोर्ट में सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि भर्ती रद्द नहीं करेंगे, लेकिन जो भी निर्णय होगा, वह कानूनी रूप से सही होना चाहिए।
इस पर जस्टिस समीर जैन ने सरकार को निर्णय लेने के लिए तय समय सीमा में फैसला करने की हिदायत दी और कहा कि जब तक सरकार निर्णय नहीं लेती, यथास्थिति बनी रहेगी। जस्टिस ने कहा कि यह सभी डिस्कशन मौखिक रूप से कैसे हुए? अगर कोई मीटिंग होती है तो उसकी मिनट ऑफ मीटिंग्स नोट की जाती है, यहां ऐसा क्यों नहीं हुआ?
कोर्ट ने फील्ड ट्रेनिंग पर उठाए सवाल
हाईकोर्ट ने फील्ड ट्रेनिंग पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या आपको नहीं लगता कि भर्ती घोटाले में शामिल अभ्यर्थियों को फील्ड ट्रेनिंग पर भेजने से पूरा सिस्टम दूषित होता है? कोर्ट ने सरकार से पूछा कि एसआईटी और महाधिवक्ता की राय एक तरफ है, लेकिन सरकार कोर्ट में दूसरी बात क्यों कह रही है? इसके अलावा, कोर्ट ने RPSC की भूमिका पर भी सवाल उठाए और कहा क्या यह संस्था मर चुकी है? क्या RPSC के चेयरमैन संजय क्षोत्रिय को आरोपी बनाया गया है?
कोर्ट ने जताई CBI जांच की संभावना
सभी पक्षों के सुनने के बाद जस्टिस समीर जैन ने कहा कि सरकार को एक तय समय सीमा में फैसला लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह भी हो सकता है कि हम सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले की जांच CBI या किसी और एजेंसी को दे दें।
क्या है SI भर्ती पेपर लीक मामला?
गौरतलब है कि साल 2021 में आयोजित राजस्थान सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। जांच में सामने आया कि फर्जी अभ्यर्थियों को डमी कैंडिडेट के रूप में बिठाया गया। नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया। इस मामले में SOG ने अब तक 50 ट्रेनी SI को गिरफ्तार किया, जिनमें से 25 को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।