भांडौर खुर्द स्थित आनंद विद्या निकेतन स्कूल के संचालक तेजपाल ने इस मामले में ACB कैंप में शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में तैनात अधिकारी सुनील गोयल बिना रिश्वत कोई काम नहीं करता था। पहले 13 फरवरी को ₹3,000 लिए, फिर 15 फरवरी को ₹7,000 के लिए जयपुर बुलाया,शिकायत मिलने के बाद ACB ने ट्रैप बिछाया। रिश्वत लेते ही अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
शिकायतकर्ता तेजपाल के अनुसार, प्राइवेट स्कूल संचालकों से हर काम के लिए पैसे वसूले जाते थे। 8वीं तक स्कूल की मान्यता के लिए भी उनसे रिश्वत मांगी गई थी। जब उन्होंने पैसे देने से इनकार किया, तो उनकी फाइल अटक गई। इतना ही नहीं, छात्रवृत्ति फॉर्म भरने के नाम पर भी पैसे की मांग की गई थी। 250 विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप सिर्फ इसलिए रुक गई, क्योंकि पैसे नहीं दिए गए थे।
पीड़ित ने कहा कि शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कभी ऑफिस में नहीं बैठते। जब भी उनसे मिलने जाओ, वे उपलब्ध नहीं होते। इसलिए, मजबूर होकर ACB में शिकायत दर्ज करानी पड़ी। ACB ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए सुनील गोयल को ट्रैप कर लिया। गौरतलब है कि गोयल जून 2025 में रिटायर होने वाला था। अब इस गिरफ्तारी के बाद शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी बहस छिड़ गई है।