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जैसलमेर

सिर्फ एक दिन की मेहरबानी और बढ़ जाएगी 750 करोड़ की कमाई

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सैलानी एक दिन और रुकें तो जैसलमेर की अर्थव्यवस्था में 750 करोड़ रुपए की और वृद्धि हो सकती है। इसके लिए जरूरी है कि पर्यटन को दो दिन के बजाय तीन दिन के अनुभव में बदला जाए।

जैसलमेरJul 21, 2025 / 01:16 pm

Deepak Vyas

दो दिन में ही 1500 करोड़ का टर्न ओवर, लेकिन तीसरे दिन का खालीपन

10 लाख से अधिक सैलानी देते है पर्यटन को सहारा, दो दिन में ही सिमट रहा जैसलमेर दर्शन

तीसरे दिन के लिए चाहिए नया कंटेंट, नई सोच और मजबूत कनेक्टिविटी
हर साल स्वर्णनगरी पहुंचने वाले करीब 10 लाख सैलानियों में से 8 लाख सैलानी दो दिन रुककर लौट जाते हैं। वर्तमान में दो दिन के इस प्रवास से जिले में लगभग 1500 करोड़ रुपये का पर्यटन कारोबार होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सैलानी एक दिन और रुकें तो जैसलमेर की अर्थव्यवस्था में 750 करोड़ रुपए की और वृद्धि हो सकती है। इसके लिए जरूरी है कि पर्यटन को दो दिन के बजाय तीन दिन के अनुभव में बदला जाए। अब तक जैसलमेर आने वाले दस में से केवल दो सैलानी ही दो रात का ठहराव करते हैं।अधिकांश पर्यटक सुबह या दोपहर शहर पहुंचते हैं और गड़ीसर, दुर्ग, हवेलियों, बाजार जैसे प्रमुख स्थल देखने के बाद शाम को सम या खुहड़ी चले जाते हैं। वहां रेत पर सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने के बाद वे अगली सुबह जैसलमेर से विदा हो जाते हैं। ऐसे में तीसरे दिन के लिए न तो कोई तय कार्यक्रम होता है और न ही कोई ऐसा आकर्षण जो उन्हें रुकने को प्रेरित करे।
व्यवस्था की कमी से छिन रहा मुनाफा
जैसलमेर में पर्यटन व्यवसाय को तीन दशक से अधिक हो गए हैं, लेकिन अब तक जिम्मेदार सैलानियों का ठहराव बढ़ाने की दिशा में ठोस रणनीति नहीं बना पाए हैं। पर्यटन से जुड़े अधिकांश पैकेज दो दिन के ही बने हुए हैं। तीसरे दिन को लेकर न तो टूर ऑपरेटरों के पास सामग्री है और न ही सरकारी स्तर पर कोई दिशा तय हुई है।
हकीकत : संभावनाएं बहुत, उपयोग नहीं हो पाया
जैसलमेर के पास तीसरे दिन के लिए भी आकर्षण की कोई कमी नहीं है। सीमावर्ती क्षेत्रों में लोंगेवाला और तनोट का दर्शन, ग्रामीण पर्यटन के रूप में खाभा और लाठी जैसे गांव, धार्मिक स्थलों में रामदेवरा और भादरिया, फॉसिल पार्क, ऐतिहासिक बावड़ियां, लोक संगीत, हस्तशिल्प, खानपान और गांवों का जीवन पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभव बन सकता है। लेकिन यह सब अब तक योजनाओं और दस्तावेजों से बाहर नहीं निकल पाया है।
एक्सपर्ट व्यू: अब जरूरत है तीन दिवसीय मॉडल की
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े सुमेरसिंह राजपुरोहित का कहना है कि जैसलमेर में तीसरे दिन को लेकर पर्याप्त सामग्री है, लेकिन इसे पेश करने की जरूरत है। कंटेंट मजबूत किया जाए और कनेक्टिविटी बेहतर हो तो पर्यटक एक दिन और रुकने लगेंगे। इससे हर साल 750 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यवसाय होगा, जिसका लाभ पूरे जिले को मिलेगा। पर्यटन को अब दो दिन से आगे बढ़ाकर तीन दिन के मॉडल में ढालने की जरूरत है। इसके लिए नए अनुभव, गतिविधियां और पैकेज तैयार किए जाएं। गांवों की ओर भ्रमण, हस्तशिल्प कार्यशालाएं, स्थानीय व्यंजनों का अनुभव, हेरिटेज वॉक, फोटो टूर जैसे कार्यक्रमों को जोड़ा जा सकता है।
नए स्थानों का विकास करना होगा
जैसलमेर में आने वाले पर्यटकों को यहां जितने स्थानों की जानकारी होती है, वहां वे आसानी से दो दिन तक रुक कर पहुंच जाते हैं। जबकि जैसलमेर में अनेक आकर्षण के अन्य केंद्र भी विकसित किए जा सकते हैं। ऐसी जगहों पर आधारभूत ढांचागत विकास किए जाने से पर्यटकों की जैसलमेर यात्रा दीर्घ हो सकेगी।
– हरिसिंह राठौड़, टूर ऑपरेटर
दो दिन की ज्यादा मांग
जैसलमेर घूमने आने वाले सैलानी ज्यादातर दो दिन के लिए ही कार्यक्रम मांगते हैं। जिसमें एक दिन शहर भ्रमण और दूसरा दिन सम सेंड ड्यून्स व आसपास के प्रसिद्ध गांवों की यात्रा की जाती है। अगर नए स्थान जुडेंग़े तो उनका ठहराव तीन या चार दिन के लिए भी हो सकता है।
– थानसिंह, टूर ऑपरेटर

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