स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ी
स्थानीय निवासी प्रथमेश व मुकेश का कहना है कि दुर्ग की घाटियों के पत्थर पहले ही चिकने हो चुके थे, अब रंगों ने फिसलन और बढ़ा दी है। अब तक दर्जनों दुपहिया वाहनों के फिसलने की जानकारी सामने आ चुकी हैं, लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं गया है।
हर कदम पर सावधानी
दिल्ली के पर्यटक अजय शर्मा के अनुसार इतिहास की इस धरोहर को देखने का अनुभव अच्छा था, लेकिन घाटियों में फिसलन के कारण हर कदम संभलकर रखना पड़ा। मुंबई की पूजा गुप्ता ने बताया कि जैसलमेर देखने का सपना पूरा हुआ, लेकिन फिसलन के कारण हर कदम डर के साथ उठाना पड़ा।
घाटियों की सफाई व धुलाई जरूरी
दुर्गवासियों के अनुसार जैसलमेर का ऐतिहासिक सोनार दुर्ग अपनी प्राचीनता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन हाल ही में दुर्ग की चिकनी घाटियों पर रंग और गुलाल के जमाव ने आवागमन में परेशानी पैदा कर दी है। स्थानीय निवासियों और पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घाटियों की भली भांति की सफाई और पानी से धुलाई आवश्यक है। विशेषज्ञों का मानना है कि घाटियों की बेहतर सफाई और अच्छी तरह से धुलाई करने से हादसों की आशंका को टाला जा सकता है। इस तरह न केवल दुर्ग की सुंदरता बनी रहेगी, बल्कि ऐतिहासिक धरोहर भी सुरक्षित रहेगी।