ब्यूरो के उप महानिरीक्षक हरेन्द्र कुमार महावर ने बताया कि कंवरजी की खेजड़ी गांव निवासी कालूराम की शिकायत पर करौली के सपोटरा थानानतर्गतशेखपुरा गांव निवासी जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड बापिणी के सहायक अभियंता कार्यालय में इंजीनियर सुपरवाइजर ऋषिकेश मीणा और मध्यस्थ के तौर पर कंवरजी की खेजड़ी निवासी कैलाश प्रजापत को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को ओसियां थाने ले जाकर पूछताछ की जा रही है।
परिवादी कालूराम ने गत तीन मार्च को एसीबी की विशेष विंग में लिखित शिकायत दी थी। उसका आरोप है कि तापू गांव में उसका ट्यूबवेल है, जहां वह खेती करता है। उसने बिजली का कृषि कनेक्शन ले रखा है। ट्यूबवेल पर एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर भी रखा हुआ है। गत सप्ताह बापिणी में जाखण के सहायक अभियंता कार्यालय के इंजीनियर सुपरवाइजर ऋषिकेश मीणा उसके खेत आया और अतिरिक्त के रूप में रखे ट्रांसफार्मर की फोटो खींच ली। फिर उसे डराया धमकाया कि वह बिजली चोरी कर रहा है और वह उसकी वीसीआर भरेगा। ऐसा न करने के बदले उसने रिश्वत मांगी। आपसी सहमति के बाद वह 10 हजार रुपए लेने पर सहमत हुआ था। तीन मार्च को उसने एसीबी से शिकायत की। गोपनीय सत्यापन करवाए जाने पर रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। इस पर एसीबी ने परिवादी को रिश्वत देने के लिए इंजीनियर सुपरवाइजर के कंवर जी की खेजड़ी में किराए के मकान पर भेजा, जहां उसने इंजीनियर सुपरवाइज से मोबाइल पर बात की। तब आरोपी ने उसे रिश्वत राशि मकान मालिक कैलाश प्रजापत को देने को कहा। परिवादी ने रिश्वत राशि मकान मालिक को दे दी। तभी एसीबी के निरीक्षक मनीष चौधरी, पदमपालसिंह ने दबिश देकर कैलाश प्रजापत को पकड़ लिया। उससे जांच के बाद इंजीनियर सुपरवाइजर ऋषिकेश मीणा को भी पकड़ लिया गया। पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया। आरोपी बिजलीकर्मी के मकान की तलाशी भी ली जा रही है। इंजीनियर सुपरवाइजर के पास कनिष्ठ अभियंता का अतिरिक्त चार्ज भी है।