Jodhpur: जोधपुर JNVU में छात्रों से लेकर कर्मचारी और शिक्षक आंदोलन पर उतरे, पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया
फीस वृद्धि और छात्रसंघ चुनाव को लेकर पुलिस और छात्रों में नोक-झोंक, पेंशन को लेकर 68वें दिन सेवानिवृत्त शिक्षकों का धरना जारी, 500 से अधिक पूर्व शिक्षक व कर्मचारी धरने में शामिल हुए
प्रदर्शनकारी छात्रों को ले जाती पुलिस। फोटो- पत्रिका
जोधपुर में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) सोमवार को आंदोलन का केंद्र बन गया है। यहां छात्रों से लेकर शिक्षक, कर्मचारी, पेंशनर्स सब आंदोलन पर रहे। एनएसयूआइ के बैनर तले छात्रों ने छात्र संघ चुनाव और फीस वृद्धि वापस लेने को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया।
छात्रों को काबू करने के लिए विवि प्रशाासन को पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस और छात्रों में नोक झाेंक के बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। छात्र नेता को उठाकर ले गई। राज्य सरकार ने विवि की पेंशन के लिए 50 करोड़ का टर्म लोन मंजूर किया है, लेकिन उसकी शर्ते और 10 प्रतिशत ब्याज होने से विवि को प्रतिदिन करीब तीन लाख रुपए का ब्याज देना पड़ेगा।
इसके विरोध में कर्मचारी उतर आए। उन्होंने विवि के केंद्रीय कार्यालय और रजिस्ट्रार ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। उधर पेंशनर्स को पेंशन नहीं मिलने पर वे लगातार 68वें दिन धरने पर बैठे रहे। विवि के शिक्षकों ने पेंशनर्स के समर्थन में काली पट्टी बांधकर काम किया।
मुख्य गेट पर ताला लगाया, पुलिस ने लाठियां फटकारी
विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय के बाहर फीस वृद्धि, छात्रसंघ चुनाव की बहाली और अन्य छात्र हितों से जुड़ी मांगों को लेकर एनएसएयूआइ के राष्ट्रीय प्रवक्ता पारस गुर्जर और छात्र नेता एमएल चौधरी के नेतृत्व में छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया। आक्रोशित छात्रों ने मुख्य प्रवेश द्वार को बंद कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए। प्रदर्शन के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिसके चलते मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया।
इसी दौरान छात्र नेता एमएल चौधरी सहित कई छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। छात्रों का आरोप है कि हाल ही में की गई फीस वृद्धि ने आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की कमर तोड़ दी है। वहीं, वर्षों से लंबित छात्रसंघ चुनावों की बहाली को लेकर भी छात्रों में नाराजगी है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो वे पूरे राजस्थान में आंदोलन छेड़ने को मजबूर होंगे।
जेएनवीयू को ऋण संकट से बचाने की मांग
जेएनवीयू सहायक कर्मचारी संघ ने पेंशन भुगतान के लिए 50 करोड़ रुपए का टर्म लोन लेने की प्रक्रिया पर कड़ा ऐतराज जताया है। संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह मुण्डेल, सचिव सुनील कुमार सैन, संयोजक अनिल पंवार के नेतृत्व में सौ से अधिक कर्मचारियाें ने काम छोड़कर प्रदर्शन किया।
मुण्डेल ने कहा कि पेंशन का पूर्ण दायित्व राज्य सरकार उठाए और विश्वविद्यालय को अनुदान आधारित स्थायी सहायता प्रदान की जाए। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि यह व्यवस्था जबरन लागू की गई, तो कर्मचारी “टूल डाउन–पेन डाउन” आंदोलन शुरू करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
कुलपति और रजिस्ट्रार ने फिर पेंशन का दिया आश्वासन
विवि के पेंशनर्स लगातार 68वें दिन भी कुलपति कार्यालय के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे रहे। पेंशन भुगतान में देरी को लेकर पेंशनर्स में गहरी नाराजगी है। राज्य सरकार द्वारा राजस्थान वित्त निगम के माध्यम से 50 करोड़ रुपये का टर्म लोन तो स्वीकृत कर दिया गया है, लेकिन आवश्यक प्रक्रियाएं पूर्ण न होने से राशि अब तक जारी नहीं हुई है।
धरना स्थल पर सैकड़ों पेंशनर्स, परिवार पेंशन प्राप्त महिलाएं, सेवानिवृत्त प्रोफेसर और वर्तमान कर्मचारी उपस्थित रहे। कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के पेंशनर्स ने भी समर्थन जताया। डॉ. देवी सिंह भाटी ने बताया कि उनके 22 माह की पेंशन बकाया है और महंगाई भत्ते का भुगतान भी केवल 12 प्रतिशत हो रहा है, जिससे पेंशनर्स को 30-40 हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक क्षति हो रही है। पेंशनर्स संघ समिति के अध्यक्ष डॉ. रामनिवास शर्मा सहित अन्य ने कुलपति और रजिस्ट्रार से इस संबंध में बात की तो उन्होंने दो तीन दिन में टर्म लोन की आवश्यकत प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन दिया।
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