पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है (Improves digestion)
जीरा में ऐसे तत्व होते हैं जो पाचक एंजाइमों की सक्रियता को बढ़ाते हैं, जिससे खाना जल्दी और सही तरीके से पचता है।सौंफ में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो आंतों की गतिविधि को संतुलित रखती है और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देती है।अजवाइन में थाइमोल जैसे यौगिक होते हैं जो गैस, एसिडिटी और अपच से राहत दिलाते हैं।इस चूर्ण को रोज रात सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेने से पेट हल्का और पाचन दुरुस्त बना रहता है।
गैस, सूजन और पेट दर्द में राहत (Relief from gas, bloating and stomach pain)
अजवाइन में प्राकृतिक एंटीस्पास्मोडिक गुण होते हैं, जो पेट की मांसपेशियों को आराम देते हैं। इससे गैस, ऐंठन और सूजन जैसी समस्याओं में तुरंत राहत मिलती है। यह मिश्रण पेट की जलन और भारीपन को भी कम करता है। इसे भी पढ़ें-
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इस चूर्ण में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। इसका असर त्वचा पर भी दिखाई देता है जिससे मुंहासे, झुर्रियां और रुखापन कम होता है। त्वचा साफ, ताज़ी और चमकदार दिखती है।
श्वसन तंत्र को करता है मजबूत (Strengthens the respiratory system)
अगर इस मिश्रण का सेवन गर्म पानी के साथ किया जाए, तो यह श्वसन तंत्र को भी फायदा पहुंचाता है।अजवाइन और सौंफ में पाए जाने वाले एंटीमाइक्रोबियल तत्व सर्दी, खांसी और जुकाम जैसी बीमारियों से बचाव में सहायक होते हैं। यह नाक की रुकावट को खोलने और फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
वजन घटाने में सहायक (Helpful in weight loss)
इस चूर्ण का एक और बड़ा फायदा है वजन नियंत्रण। यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे शरीर की अतिरिक्त चर्बी तेजी से जलती है। साथ ही, यह भूख को नियंत्रित करता है और बार-बार खाने की इच्छा को कम करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। चूर्ण बनाने की विधि (Method of making powder)
इस चूर्ण को बनाने के लिए, आप
जीरा, सौंफ और
अजवाइन को बराबर मात्रा में लेकर सूखा भून सकते हैं और फिर पीसकर पाउडर बना सकते हैं। इस पाउडर को रोज रात को खाने के 30 मिनट बाद या सोने से ठीक पहले एक चम्मच (या आधा चम्मच) चूर्ण को हल्के गर्म पानी के साथ लें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।