रेलवे प्रवक्ता के अनुसार यह बदलाव नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य के कारण अनिवार्य हो गया है, जिससे गोरखपुर से विभिन्न दिशाओं में जाने वाली ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित होगी। निर्माण कार्य 13 अप्रैल से 5 मई 2025 तक चलेगा और इस दौरान यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं में बदलाव करना पड़ सकता है।
हैदराबाद-गोरखपुर स्पेशल अब गोमतीनगर तक सीमित
11, 18, 25 अप्रैल और 2 मई को चलने वाली 07075 हैदराबाद-गोरखपुर स्पेशल ट्रेन अब गोरखपुर की बजाय लखनऊ के गोमती नगर स्टेशन तक ही पहुंचेगी। यात्रियों को इसके बाद वैकल्पिक साधनों से गोरखपुर जाना पड़ेगा। यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा और सुचारू संचालन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इन ट्रेनों का रूट और स्टेशन बदल गया है
- 15070 ऐशबाग-गोरखपुर एक्सप्रेस – 13 अप्रैल से 4 मई तक नकहा जंगल तक ही चलेगी।
- 22921 बांद्रा टर्मिनस-गोरखपुर एक्सप्रेस – 13, 20, 27 अप्रैल और 4 मई को बलरामपुर तक चलेगी।
- 15069 गोरखपुर-ऐशबाग एक्सप्रेस – 14 अप्रैल से 5 मई तक नकहा जंगल से ही चलेगी।
- 15010 पीलीभीत-गोरखपुर एक्सप्रेस – 15 अप्रैल से 2 मई तक गोमतीनगर तक चलेगी।
- 22922 गोरखपुर-बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस – 15, 22, 29 अप्रैल और 5 मई को बलरामपुर तक सीमित रहेगी।
- 15009 गोरखपुर-पीलीभीत एक्सप्रेस – 16 अप्रैल से 3 मई तक गोरखपुर से गोमती नगर के मध्य निरस्त रहेगी।
- 15081 गोरखपुर-गोमतीनगर एक्सप्रेस – 16 अप्रैल से 5 मई तक सिद्धार्थनगर से चलाई जाएगी।
- 15082 गोमती नगर-गोरखपुर एक्सप्रेस – 16 अप्रैल से 5 मई तक सिद्धार्थनगर में यात्रा समाप्त करेगी।
क्यों हो रहा है ये बदलाव
रेल प्रशासन गोरखपुर रेलखंड पर तीसरी लाइन का निर्माण कार्य करवा रहा है, जिससे आने वाले वर्षों में रेल सेवाएं अधिक तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक हो सकेंगी। लेकिन इसके लिए अस्थायी रूप से कुछ रूट्स पर ब्लॉक लेना और नॉन-इंटरलॉकिंग की प्रक्रिया जरूरी है।
नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य वह तकनीकी प्रक्रिया होती है जिसमें सिग्नल और प्वाइंट्स को नए ट्रैक से जोड़ने का कार्य किया जाता है। इस दौरान सुरक्षा को देखते हुए ट्रेनों का संचालन सीमित या आंशिक रूप से बंद किया जाता है।
यात्रियों से अपील
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति और गंतव्य की जानकारी IRCTC या रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट से अवश्य प्राप्त करें। अचानक ट्रेन बदलने या रद्द होने की स्थिति में यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था के लिए तैयार रहना होगा।
गंतव्य तक पहुंचने के वैकल्पिक उपाय
जिन यात्रियों की ट्रेनें अब गोमतीनगर, बलरामपुर, नकहा जंगल या सिद्धार्थनगर तक सीमित हो गई हैं, उन्हें आगे की यात्रा के लिए रोडवेज बस सेवा, टैक्सी या अन्य लोकल साधनों का सहारा लेना पड़ेगा। रेलवे ने इन क्षेत्रों में विशेष बस सेवाएं संचालित करने हेतु संबंधित प्रशासन से सहयोग की अपील की है। निर्माण कार्य के बाद क्या बदलेगा
इस निर्माण कार्य के पूर्ण होते ही गोरखपुर खंड पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, लेटलतीफी में कमी आएगी और रेल सेवाओं की संख्या में भी वृद्धि संभव होगी। साथ ही, भविष्य में गोरखपुर से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद जैसी दूरस्थ शहरों के लिए सीधी और तेज ट्रेनों का रास्ता साफ होगा।