scriptPromotion Order Cancelled: यूपी वित्त विभाग में 150 कर्मचारियों के प्रमोशन आदेश निरस्त, भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद शासन ने लिया एक्शन | UP Government Cancels Promotion Orders of 150 Finance Department Employees Amid Corruption Allegations | Patrika News
लखनऊ

Promotion Order Cancelled: यूपी वित्त विभाग में 150 कर्मचारियों के प्रमोशन आदेश निरस्त, भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद शासन ने लिया एक्शन

Government Action:  ऑडिटर से सहायक लेखा अधिकारी बने 150 कर्मचारियों के प्रमोशन को रद्द किया गया, सरकार ने भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद लिया यह निर्णय।

लखनऊJan 20, 2025 / 11:48 pm

Ritesh Singh

UP Promotion Order Cancelled

UP Promotion Order Cancelled

Promotion Cancelled update:  उत्तर प्रदेश के वित्त विभाग में हाल ही में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिससे राज्य के प्रशासनिक ढांचे में खलबली मच गई है। वित्त विभाग के निदेशक द्वारा 31 दिसंबर 2024 को जारी किए गए प्रमोशन आदेश को शासन ने निरस्त कर दिया है। इस आदेश के तहत, सीनियर ऑडिटर से सहायक लेखा अधिकारी बने 150 कर्मचारियों के प्रमोशन को रद्द कर दिया गया। इस कदम से राज्य की सत्ता में भ्रष्टाचार की शिकायतों की गूंज सुनाई दे रही है, जिसके बाद शासन ने त्वरित एक्शन लिया।
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प्रमोशन आदेश का रद्द होना
31 दिसंबर 2024 को वित्त विभाग के निदेशक ने एक आदेश जारी किया, जिसके तहत सीनियर ऑडिटर के 150 कर्मचारियों को सहायक लेखा अधिकारी के पद पर प्रमोट कर दिया था। यह आदेश कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया था, क्योंकि इससे उन्हें बेहतर वेतन और पदोन्नति मिली थी। लेकिन इस प्रमोशन के बाद कई शिकायतें सामने आईं कि यह प्रमोशन भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता की वजह से हुआ था।
Promotion Order Cancelled
भ्रष्टाचार की शिकायतें
वित्त विभाग में इस प्रमोशन को लेकर कई कर्मचारियों और अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की शिकायतें की थीं। शिकायतों का आरोप था कि कुछ कर्मचारियों को बिना किसी योग्यतावस्था के प्रमोट किया गया और इसके बदले उन्हें रिश्वत दी गई। यह शिकायतें कई स्तरों पर पहुंची और जब सरकार को इस बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की।
सरकारी एक्शन
शासन ने इस मामले को लेकर सख्त कदम उठाया और निदेशक वित्त द्वारा दिए गए प्रमोशन आदेश को निरस्त कर दिया। राज्य सरकार ने आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं और उच्च अधिकारियों को इस मामले की गहन समीक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि वे किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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कामकाजी माहौल पर असर
इस फैसले ने न केवल प्रमोट हुए कर्मचारियों को प्रभावित किया, बल्कि वित्त विभाग के कामकाजी माहौल पर भी असर डाला है। कर्मचारियों में असंतोष और गुस्सा है क्योंकि उनकी मेहनत को गलत तरीके से नजरअंदाज किया गया है। वहीं, कुछ अधिकारी यह मानते हैं कि यदि प्रमोशन सही तरीके से हुआ होता तो विभाग का मनोबल ऊंचा रहता।
नेताओं और कर्मचारियों की प्रतिक्रियाएं
यह मामला राज्य के नेताओं के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। कई नेताओं ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि वित्त विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि यदि प्रमोशन को सही तरीके से किया गया होता तो यह विभाग के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता था, लेकिन गलत तरीकों से प्रमोशन होने से सब कुछ उलट गया।
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भविष्य में क्या होगा?
इस घटनाक्रम के बाद यह सवाल उठता है कि क्या वित्त विभाग में भविष्य में ऐसे प्रमोशन आदेशों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी? राज्य सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए एक विशेष जांच समिति भी गठित की है, जो इस मामले की जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। साथ ही, राज्य सरकार ने यह भी कहा कि वे भविष्य में ऐसे मामलों को लेकर अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतने का प्रयास करेंगे ताकि कर्मचारियों को उनके अधिकारों के अनुसार प्रमोशन मिल सके।

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