जानकारी के मुताबिक, शिरोल तालुका के शिवनाकवाडी गांव की ग्राम देवता कल्याणताई माता देवी की यात्रा निकली थी। इस दौरान मेला भी लगा था और महाप्रसाद तैयार किया गया था।
एक अधिकारी ने बताया कि इस महाप्रसाद की खीर से लोगों को फूड पॉइजनिंग होने की संभावना जताई जा रही है। फूड पॉइजनिंग के लक्षण वाले ग्रामीणों को इचलकरंजी और शिरोल के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। 284 मरीजों का इलाज चल रहा है। एक हजार से अधिक ग्रामीणों की जांच की गई है और उन्हें लक्षण के मुताबिक प्राथमिक उपचार दिया गया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए शिवनाकवाडी गांव में 500 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों ने घर-घर जाकर सर्वे किया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबिटकर ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार की आधी रात से ही गांव के कई लोगों को उल्टी-दस्त,चक्कर आना, बुखार हो गया। शुरुआत में लोगों ने गांव के निजी क्लीनिकों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज कराया। लेकिन बुधवार सुबह होते-होते मामला बेहद गंभीर हो गया और गांव के लगभग 300 लोगों को फूड पॉइजनिंग हो गया। सूचना मिलते ही जिला स्वास्थ्य प्रशासन अलर्ट हो गया। पुलिस भी गांव पहुंची। अस्पताल जाकर पीड़ितों का बयान दर्ज किया। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मौके पर पहुंचकर जांच के लिए खाने के नमूने लिए हैं।
कुरुंदवाड पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल शिरोल के एक अस्पताल में करीब 50 लोगों का इलाज चल रहा है और सभी की हालत स्थिर है। मंगलवार को शिवनाकवाडी में मेले का आयोजन किया गया। यहां प्रसाद के रूप में खीर दी गई थी।
अधिकारी ने बताया कि मेले में कई अन्य खाने-पीने की चीजों के स्टॉल भी थे। इसलिए एकत्र किए गए सभी खाद्य पदार्थों के नमूने लैब में भेजे गए हैं। रिपोर्ट के बाद ही यह पुष्टि हो सकेगी कि खीर खाने से ही लोगों को फूड पॉइजनिंग हुई है या नहीं। अभी जांच चल रही है।