हालांकि देश की बात करें तो राजस्थान राज्य में पिछले कुछ वर्षों से सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों के चलते सड़क दुर्घटनाओं और उनमें मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी तो हुई, लेकिन अन्य प्रदेशों की तुलना में काफी कम है। घायलों की संख्या तो वर्ष 2023 की तुलना में 2024 में दुर्घटनाएं बढऩे के बावजूद कम हुई है। सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व कर्नाटक में है, लेकिन फिर भी राजस्थान में पिछले साल 11,790 लोगों की मौत हो गई। ऐसे में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र के बहुत काम करने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में रोड सेफ्टी एक्शन नेटवर्क ट्रस्ट सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की स्थितिमौतें वर्ष – मौतें 2020- 9250 2021- 10043 2022- 11104 2023- 11663 2024- 11790 सड़क दुर्घटनाएं वर्ष – दुर्घटनाएं 2020- 19114
2021- 20951 2022- 23614 2023- 24694 2024- 24838 घायल वर्ष – घायल 2020- 16769 2021- 19344 2022- 22293 2023- 23041 2024- 22927 ऐसे कम कर सकते हैं सड़क दुर्घटनाएं
– सभी अवैध कट्स बंद करके। – सडक़ों को अतिक्रमण मुक्त करके। – आईआरसी मानकों के अनुरूप रोड फर्नीचर की सुनिश्चितता एवं उनका रखरखाव किया जाए। – जंक्शन सुधारें जाएं। – ब्लैक स्पॉट सुधार व नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
– सडक़ों पर लावारिस जानवारों की रोकथाम की जाए। एक्सपर्ट के सुझाव, सरकार करे अमल रोड सेफ्टी एक्शन नेटवर्क ट्रस्ट के चेयरमेन व एमडी महावीरसिंह (सेवानिवृत्त आरएएस) ने पत्रिका से विशेष बातचीत में बताया कि सरकार यदि कुछ सुधार और व्यवस्था परिवर्तन कर ले तो दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को आधा किया जा सकता है। सिंह ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की प्रमुख शासन सचिव तथा पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर को पत्र भी लिखे हैं। पत्रों में उन्होंने कुछ सुझाव दिए हैं, जिनमें टोल नाकों पर खड़ी रहने वाली एम्बुलेंस को थानों में खड़ी रखने, घायलों को घटना के दस मिनट के भीतर आपातकालीन चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराने के लिए नजदीकी निजी अस्पतालों में उपचार कराने के साथ हर पुलिस स्टेशन पर अतिरिक्त एम्बुलेंस और पेट्रोलिंग वाहन होने चाहिए। इसके साथ एम्बुलेंस 108 को मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना से जोड़ा जाए, ताकि घायल का नजदीकी निजी अस्तपाल में नि:शुल्क उपचार हो सके। इसके साथ अवैध कट बंद किए जाएं, ब्लैक स्पॉट सुधारें जाएं।