हाल ही में नागौर के साडोकण निवासी तीन भाइयों ने मिलकर अपने भांजे.भांजी की शादी में 1 करोड़ 51 लाख रुपये नकद, 25 तोला सोना, 5 किलो चांदी और नागौर शहर में दो प्लॉट मायरे में दिए। इस भव्य मायरे ने एक बार फिर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। बताया जा रहा है कि सब कुछ मिलाकर करीब तीन करोड़ से भी ज्यादा का मायरा भरा गया है। नोटों के बंडल बड़े-बड़े बैग में लेकर आए गए थे। यह मायरा जिले के साडोकण निवासी हरनिवास खोजा, दयाल खोजा और हरचंद खोजा ने फरदोद निवासी अपनी बहन बीरज्या देवी पत्नी मदनलाल के घर पर दिया। इस शादी के मायरे में राजस्थान सरकार के पूर्व उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, जायल के पूर्व प्रधान रिधकरण लामरोड़, नागौर की पूर्व जिला प्रमुख सुनीता चौधरी सहित हजारों लोग मौजूद थे।
नागौर ही नहीं लगभग पूरे राजस्थान में मायरे की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और यह भाई.बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस तरह के भव्य मायरे न केवल सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देते हैं, बल्कि यह राजस्थानी संस्कृति की समृद्धि को भी दर्शाते हैंं। मायरा लेकर आने वाले भाईयों का मान भी बहन के परिवार द्वारा रखा जाता है।