आईबीबीआई ने क्या-क्या किए बदलाव
1 फैसिलिटेटर की नियुक्ति
अब खरीदारों के लिए फैसिलिटेटर नियुक्त किए जाएंगे। इससे उनके और इन्सॉल्वेंसी प्रोसेस के बीच बेहतर संवाद हो सकेगा। खरीदारों को समय-समय पर जरूरी जानकारी और फैसले करने में मदद मिल सकेगी।2 रेगुलेटर का हस्तक्षेप
सरकारी एजेंसियां भी सर्कल ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) की बैठकों में शामिल हो सकेंगी। इससे सुनिश्चित किया जाएगा कि रेजोल्यूशन प्लान जमीन और प्रोजेक्ट से जुड़े नियमों का पालन कर रहा है। इससे प्रोजेक्ट की वैधता और विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। Illegal Immigrants: ‘दोस्त’ ट्रंप ने हथकड़ियां-बेड़ियां पहनाकर भेजा वापस- चुप क्यों है मोदी सरकार? प्रियंका ने किया सवाल, ओवैसी भी हमलावर
3 प्रोजेक्ट की जांच
रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को इन्सॉल्वेंसी शुरू होने के 60 दिन में रिपोर्ट देनी होगी। इसमें बताया जाएगा कि प्रोजेक्ट को लेकर क्या-क्या मंजूरी मिली हैं। इससे सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना पूरी जानकारी गलत फैसले न किए जाएं और प्रोजेक्ट समय पर पूरा किया जा सके।4 रिजॉल्यूशन एप्लिकेंट
खरीदार और उनके एसोसिएशन भी रिजॉल्यूशन एप्लिकेंट के रूप में भाग ले सकते हैं। उनके लिए योग्यता और सिक्योरिटी डिपॉजिट से जुड़े नियमों में ढील दी गई है। अगर कोई बाहरी डेवलपर प्रोजेक्ट में रुचि नहीं लेता है तो होमबायर्स खुद प्रोजेक्ट को पूरा करने की कोशिश कर सकते हैं।5 स्टेटस का खुलासा
कॉरपोरेट डिफॉल्टर का एमएसएमई स्टेटस (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) सार्वजनिक किया जाएगा। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग प्रोजेक्ट में भाग ले सकेंगे। उन्हें एमएमएमई से जुड़े फायदे मिलेंगे।पांच में से एक घर का निर्माण रुका
रियल एस्टेट डेटा एनालिटिक्स फर्म प्रॉपइक्विटी की रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले आठ साल में देशभर में निर्माणाधीन पांच में से एक घर का निर्माण कार्य रुका हुआ है। इससे पांच लाख से अधिक आवासीय इकाइयां प्रभावित हुईं। निर्माणाधीन पांच में से शेष चार मकान भी 3-4 साल की देरी से दिए गए।आंकड़े ये भी…
8 साल में 44 शहरों में 1981 परियोजनाएं ठप।508,202 हुई जुलाई 2024 में ठप पड़ी इकाइयों की संख्या।
465,555 था 2018 में यह आंकड़ा।
9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई छह साल में।
प्रमुख शहरों में रुके प्रोजेक्ट
बेंगलूरु – 225मुंबई – 234
नवी मुंबई – 125
ग्रेटर नोएडा – 167
गुरुग्राम – 158
भिवाड़ी – 33
भोपाल – 27
जयपुर – 37
लखनऊ – 48
नागपुर – 23
रायपुर – 4