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टांके के बदले नर्स ने लगा दिया फेवीक्विक, कहा- मैं सालों से ऐसे ही कर रही इलाज

माता-पिता ने विरोध किया तो नर्स का कहना था कि टांके से बच्चे के गाल पर स्थायी रूप से निशान रह जाएंगे।

बैंगलोरFeb 07, 2025 / 09:45 am

Anish Shekhar

कर्नाटक के हावेरी जिले के अडूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक सात वर्षीय बच्चे गुरुकीशन अन्नप्पा होसामनी के घाव पर नर्स ज्योति ने टांके की जगह फेवीक्विक लगा दिया। बताया जाता है कि इस दौरान बच्चे के माता-पिता ने विरोध किया तो नर्स का कहना था कि टांके से बच्चे के गाल पर स्थायी रूप से निशान रह जाएंगे। मैं कई सालों से ऐसे ही इलाज कर रही हूं।

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नर्स की हरकत से माता-पिता भी हैरान

इस घटना के बाद नर्स को निलंबित कर दिया गया है। इस घटना के बाद बच्चे की हालत स्थिर है। गौरतलब है कि फेविक्विक की चिकित्सा उपयोग की अनुमति नहीं है। वीडियो से खुलासा बच्चे के माता-पिता नर्स की गैर-पेशेवर हरकत से हैरान रह गए। उन्होंने नर्स का वीडियो रिकॉर्ड किया। इसमें वह आत्मविश्वास से कह रही थी कि वह वर्षों से इसी तरीके से लोगों का इलाज कर रही है। इस घटना से नाराज माता-पिता ने शिकायत दर्ज कराई और वीडियो को सबूत के रूप में प्रस्तुत किया।

नर्स का वीडियो किया जारी

रिपोर्ट के अनुसार, अपरंपरागत उपचार से परेशान होकर, लड़के के माता-पिता ने नर्स के साथ अपनी बातचीत का एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने चिपकने वाले पदार्थ का उपयोग करने की बात स्वीकार की। बाद में उन्होंने अदूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद, जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) राजेश सुरगीहल्ली ने हस्तक्षेप किया और नर्स के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की। साउथ फर्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 3 फरवरी को नर्स को हावेरी तालुक के गुत्थल स्वास्थ्य संस्थान में स्थानांतरित कर दिया गया।
हालांकि, इस घटना ने ग्रामीण सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा देखभाल की गुणवत्ता पर बहस छेड़ दी है। यह घटना सोमवार की सुबह कर्नाटक के बोम्मालपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कान छिदवाने की प्रक्रिया के लिए एनेस्थीसिया दिए जाने के बाद छह महीने के बच्चे की दुखद मौत के बाद हुई है। शिशु के माता-पिता उसे पारंपरिक अनुष्ठान के लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे, जब डॉक्टर ने दोनों कानों में एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया। कुछ ही देर बाद, कथित तौर पर बच्चा बेहोश हो गया। आपातकालीन उपचार के लिए उन्हें तालुका अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

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