India Got Latent Row: केंद्र सरकार ने OTT प्लेटफॉर्म्स को जारी की एडवाइजरी, कहा- आचार संहिता का करें पालन
India Got Latent Row: सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि रणवीर अल्लाहबादिया के खिलाफ इंडियाज गॉट लैटेंट शो में उनके बयानों को लेकर कोई और FIR दर्ज न की जाए। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि वह और उनके सहयोगी कलाकार अगले आदेश तक शो के किसी भी एपिसोड को प्रसारित न करें।
India Got Latent Row: सोशल मीडिया चैनलों और OTT वेबसाइटों को गुरुवार को IT नियमों (2021) में निर्धारित आचार संहिता का पालन करने के लिए केंद्र सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की। केंद्र सरकार ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए बच्चों तक ‘A’ रेटेड सामग्री की पहुंच पर कंट्रोल लागू करने की चेतावनी दी गई। सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि कानून के तहत OTT प्लेटफॉर्मों पर ऐसी कोई भी सामग्री प्रसारित नहीं की जाएगी जो कानून की ओर से निषिद्ध हो और कंटेट सामग्री के लिए आयु-आधारित वर्गीकरण करना होगा।
पोर्नोग्राफिक और अश्लील सामग्री के प्रसार के बारे में मिली शिकायतें
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से यह अधिसूचना स्टैंड-अप कॉमेडी शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ के एक एपिसोड के दौरान पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया की ओर से की गई ‘अश्लील’ टिप्पणियों को लेकर उठे विवाद के बीच आई है। शो का विवादित एपिसोड तब तक यूट्यूब पर था जब तक सरकार ने इसे हटाने का आदेश नहीं दिया। अधिसूचना में कहा गया है कि ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट (ओटीटी प्लेटफॉर्म) और सोशल मीडिया के कुछ प्रकाशकों की ओर से अश्लील, पोर्नोग्राफिक और अश्लील सामग्री के प्रसार के बारे में शिकायतें मिली थीं।
IT नियम 2021 के कानूनों का पालन करें
अधिसूचना में कहा गया है, “नियम यह भी कहते हैं कि ओटीटी प्लेटफार्मों के स्व-नियामक निकाय ओटीटी प्लेटफार्मों की ओर से आचार संहिता का पालन किया जाए।” एडवाइजरी में कहा गया है, ” यह सलाह दी जाती है कि OTT प्लेटफॉर्म्स अपने प्लेटफॉर्म पर सामग्री प्रकाशित करते समय लागू कानूनों के विभिन्न प्रावधानों और IT नियम, 2021 के तहत निर्धारित आचार संहिता का पालन करें, जिसमें आचार संहिता के तहत निर्धारित सामग्री के आयु-आधारित वर्गीकरण का कड़ाई से पालन करना भी शामिल है।”
Ministry of Information and Broadcasting issues advisory on adherence of Indian Laws and the Code of Ethics prescribed under the Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media, Ethics Code) Rules, 2021.
अदालत ने यह भी कहा कि वह कोई कसर नहीं छोड़ेगी और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई करेगी। अदालत ने कहा, “भारत संघ एक पक्ष है… हम कुछ करना चाहेंगे। भारत सरकार स्वेच्छा से ऐसा करेगी, हमें बहुत खुशी होगी। अन्यथा, हम इस शून्य को नहीं छोड़ेंगे। जिस तरह से तथाकथित यूट्यूब चैनलों की ओर से इसका दुरुपयोग किया जा रहा है… हमने नोटिस जारी किया है…”
Ranveer Allahbadia की कोर्ट ने लगाई फटकार
यह अधिसूचना इस सप्ताह सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूछे गए तीखे सवालों के बाद आई है, जब न्यायालय ने रणवीर अलाहाबादिया (जिन्हें इंस्टाग्राम और YouTube पर ‘बीयरबाइसेप्स गाइ’ के नाम से भी जाना जाता है) की उस याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज FIR को एक साथ जोड़ने की मांग की गई थी। जज सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने माता-पिता और सेक्स के बारे में उनकी टिप्पणी के लिए रणवीर अल्लाहबादिया को कड़ी फटकार लगाई।
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