मेजराना एक नए प्रकार के कण की इंजीनियरिंग के इर्द-गिर्द घूमती है। इन मेजराना कणों को टोपोलॉजिकल कंडक्टरों का उपयोग कर तैयार किया गया है और वे एक टोपोलॉजिकल अवस्था में मौजूद हैं, जो ठोस, तरल और गैस जैसे पदार्थों की पारंपरिक अवस्थाओं से अलग है। जिस तरह से सेमीकंडक्टर के आविष्कार ने आज के स्मार्टफोन, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स को संभव बनाया है, उसी तरह टोपोकंडक्टर और उनके द्वारा निर्मित नए प्रकार के चिप क्वांटम सिस्टम विकसित करने का मार्ग प्रदान करते हैं जो दस लाख क्यूबिट तक स्केल कर सकते हैं और सबसे जटिल औद्योगिक और सामाजिक समस्याओं से निपटने में सक्षम हैं।
मेजराना 1 एक आठ-क्यूबिट चिप है, जो गूगल के विलो (106-क्यूबिट चिप) और आइबीएम के आर2 हेरॉन (156-क्यूबिट चिप) जैसे प्रतिद्वंद्वियों द्वारा विकसित क्वांटम चिप्स की तुलना में भले ही कम है, लेकिन कंपनी का दावा है कि इसे एक मिलियन क्यूबिट तक बढ़ाया जा सकता है।
क्लासिकल कंप्यूटर में टाइप की गई हर चीज बाइनरी कोड में बदल जाती हैं, जिसमें बिट्स होते हैं। दूसरी ओर, एक क्यूबिट क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों का लाभ उठाकर दोनों अवस्थाओं में एक साथ रहता है। क्वांटम कंप्यूटर उन समस्याओं को हल करने में सक्षम है, जिन्हें क्लासिकल कंप्यूटर नहीं सुलझा सकते।
क्वांटम कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर से किस प्रकार भिन्न हैं?
उन्नत आर्किटेक्चर और ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) और मल्टी-कोर प्रोसेसिंग जैसी त्वरित तकनीकों पर निर्भर होने के कारण, सुपरकंप्यूटर तेज गति से गणना करने में माहिर है। दूसरी ओर, क्वांटम कंप्यूटर एच-गेट और पॉली गेट जैसे क्वांटम गेट का उपयोग करते हैं, जिन्हें क्यूबिट को प्रोसेस करने के लिए डिजाइन किया गया है और वे प्रकृति में प्रतिवर्ती (रिवर्सेबल) भी हैं। इन क्वांटम गेट का उपयोग सर्किट और एल्गोरिदम विकसित करने और उन समस्याओं को हल करने के लिए किया जा सकता है, जिन्हें हल करना अन्यथा असंभव है।
मेजराना 1 की संरचना में एल्युमिनियम के नैनोवायरों को एक साथ जोडकऱ H बनाया गया है। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि प्रत्येक H में चार नियंत्रणीय मेजराना कण होते हैं और एक क्यूबिट बनता है।
क्वांटम कंप्यूटर को लंबे समय से नए वैज्ञानिक खोजों को सामने लाने के लिए जरूरी उपकरण माना जाता रहा है। चूंकि क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित हैं, इसलिए वे प्रकृति के व्यवहार को अधिक सटीकता के साथ गणितीय रूप से मैप करने में सक्षम हैं। उदाहरण के लिए, वे रसायन विज्ञान के कठिन सवाल को हल करने में मदद कर सकते हैं कि सामग्री में जंग या दरारें क्यों आती हैं।