पहले जानिए क्या है पूरा मामला?
भारतीय सेना ने 6 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकियों के ठिकानों पर कार्रवाई की थी। यह जवाबी हमला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया था। इस ऑपरेशन की जानकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक विशेष प्रेस ब्रीफिंग के जरिए दी थी। इस ब्रीफिंग के बाद अली खान महमूदाबाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट डालकर इसे “दिखावटी” बताया और सेना के प्रयासों पर सवाल उठाए। उनकी इस टिप्पणी को कई लोगों ने देश की सेना और महिला अधिकारियों का अपमान बताया। महिला आयोग ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए उन्हें नोटिस जारी किया था। आरोप है कि उन्होंने प्रेस ब्रीफिंग को ‘पाखंड’ कहा और दक्षिणपंथी वर्ग से उन लोगों के लिए भी सुरक्षा की मांग करने की अपील की जिन्हें भीड़ हिंसा या संपत्ति विनाश का सामना करना पड़ा है।
प्रोफेसर की गिरफ्तार पर यूनिवर्सिटी ने जारी किया बयान
प्रोफेसर अली खान के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें विद्रोह भड़काने का प्रयास, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना और धार्मिक भावनाओं का अपमान करना जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें उनके निवास स्थान से गिरफ्तार किया और आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस विभाग के प्रमुख के रूप में कार्यरत प्रो. महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर यूनिवर्सिटी ने बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है “हमें जानकारी मिली है कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को आज सुबह पुलिस ने हिरासत में लिया है। हम मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं और पुलिस तथा प्रशासन के साथ पूर्ण सहयोग करेंगे।”
महिला आयोग ने भी जताई थी नाराजगी
हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने कहा, “देश की बेटियों, कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के योगदान को हम सलाम करते हैं। जिस तरह के शब्दों का प्रयोग एक प्रोफेसर ने उनके लिए किया है, वह निंदनीय है। हमें उम्मीद थी कि वे आयोग के समक्ष आकर खेद व्यक्त करेंगे।” इसके बाद प्रोफेसर महमूदाबाद ने अपनी टिप्पणियों को लेकर सफाई दी। इसमें उन्होंने महिला आयोग को गलफहमी होने की बात कही। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा “मुझे हैरानी है कि आयोग ने मेरे पोस्ट को अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर इस हद तक गलत तरीके से पढ़ा कि उसका मूल अर्थ ही बदल गया।”
कौन हैं अली खान महमूदाबाद?
अली खान महमूदाबाद एक प्रतिष्ठित राजनीतिक और राजपरिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे महमूदाबाद के राजा रहे स्व. मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान के पुत्र हैं। उनके दादा, मोहम्मद आमिर अहमद खान, विभाजन से पहले मुस्लिम लीग के प्रमुख नेता थे। अली खान ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से एमफिल और पीएचडी की है। उन्होंने दमिश्क यूनिवर्सिटी (सीरिया) से अरबी भी पढ़ी और पश्चिम एशिया पर कई लेख लिखे हैं, जो नेशनल ज्योग्राफिक जैसे प्रतिष्ठित मंचों पर प्रकाशित हुए हैं। प्रो. महमूदाबाद सिर्फ एक शिक्षक नहीं, बल्कि कवि, लेखक और समकालीन राजनीति के गहन विश्लेषक भी हैं। वर्ष 2017 में वे समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। उनकी शादी जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री हसीब द्राबू की बेटी से हुई है।