हर सडक़ पर बढ़ रहे अवैध कॉलोनाइजर्स
अवैध कॉलोनियों को वैध करने के राज्य शासन के निर्णय आने के बाद मोहरली, नोनिया, झण्डा, कुकड़ा जगत, सोनपुर रोड, बैतूल रोड, चंदनगांव, इमलिया बोहता, बोरिया और परतला में ये अवैध गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। नगर निगम के अधिकारियों के पास इसके सर्वेक्षण का कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं हंै कि कौन कहां कॉलोनी बना रहा है।
प्रक्रिया ठंडे बस्ते में
निगम की जानकारी के अनुसार 31 दिसम्बर 2022 के दायरे में 325 अवैध कॉलोनियां आ रही हैं। वर्ष 2016 तक 172 कॉलोनियों को वैध किया जा चुका है। शेष वर्ष 2016 से 2022 तक की 153 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। सरकार का चेहरा बदल गया।इससे अवैध को वैध नहीं किया जा सका। कहा जा रहा है कि इस नीति के ठंडे बस्ते में चले जाने से इस ज्वलंत मामले का समाधान नहीं हो सका। उल्टे अवैध कॉलोनाइजर्स को अब न तो एफआइआर का डर है और ना ही किसी अधिकारी का।
निगम आयुक्त ने की तीन कॉलोनी अवैध घोषित
नगर निगम आयुक्त सीपी राय ने तीन और कॉलोनी को अवैध घोषित करने के आदेश जारी किए।इनमें सोना पति संजय जैन निवासी छिंदवाड़ा कबाडिय़ा भूमि खसरा नं. 2/4/2/1/1 का कुल रकबा 0.080 हेक्टेयर, नीरज कुमार रघुवंशी पिता बलवान सिंह रघुवंशी निवासी वार्ड 10 किडजी स्कूल के पास छिंदवाड़ा इमलिया बोहता स्थित भूमि खसरा नं. 136/18/2/1 का कुल रकबा 0. 580 हेक्टेयर भूमि, अंबिका सूर्यवंशी पिता हनुमत सूर्यवंशी, रामस्रूप उसरेठे पिता रामप्रसाद उसरेठे, कुसुम पति शिवनारायण चौरे निवासी कुसमेली खसरा नम्बर 30/2/1 एवं 30/1 एवं 31/1 कुल रकबा क्रमश: 0.0710, 0. 0930, 0.0330 हेक्टेयर भूमि पर बिना विकास की अनुमति लिए भूमि को भूखण्डों में उपविभाजित कर अनधिकृत कॉलोनी का निर्माण कर लिया गया। विभिन्न स्तरों की जांच होने के बाद ये लोग समाधानपूर्वक उत्तर नहीं दे रहे हैं। नगर निगम आयुक्त चंद्रप्रकाश राय ने इन कॉलोनियों को अवैध कॉलोनी घोषित कर दिया।