छह मंजिला इमारत में 3.5 लाख किताबें
अधिकारियों के अनुसार पुस्तकालय की छह मंजिला इमारत में 3.5 लाख किताबें हैं, जिनमें एक लाख तमिल और करीब 2.3 लाख अंग्रेजी की किताबें शामिल हैं। लाइब्रेरी का ग्राउंड लोर विकलांगों के लिए है, जिसमें एक कॉन्फ्रेंस हॉल और एक आर्ट गैलरी भी है। इसमें करीब 5 लाख पुस्तकों का संग्रह किया जाएगा। इसमें चेन्नई लाइब्रेरी की प्रसिद्धि वाले ’पोनमलै पोझुदु’ जैसे कार्यक्रम होते हैं ताकि पाठकों को लेखकों को सुनने और उनसे बातचीत करने का मौका मिले। दो मंजिलों पर एक अलग प्रवेश द्वार है। यहां लैपटॉप वाले आगंतुकों के लिए हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा है। पहली मंजिल पर बच्चों का सेक्शन है, जो जीवंत रंगों, तमिल व अंग्रेजी वर्णमाला के आकार में आकर्षक सीटों वाला एक विशाल हॉल है। बच्चों के लिए योग, शिल्प से कला, ओरिगेमी आदि सीखने के लिए एक प्रदर्शनी थियेटर है। इसमें होलोग्राम-आधारित संवर्धित वास्तविकता सुविधा है। इसमें डिजीटल स्क्रीन के साथ 40 सीटों वाला थियेटर भी है जहां वृत्तचित्र और अन्य फिल्में दिखाई जाएगी।अनंत अंतरिक्ष खिड़की भी है
दूसरी तरफ एक विज्ञान पार्क है जिसमें लाइट सियुलेटर, एनाटोडाइन, एक विशाल टच स्क्रीन टैबलेट है जो मानव शरीर रचना सिखाता है, एक पैमाना है जहां कोई भी प्रत्येक ग्रह पर अपना वजन जान सकता है, अनंत अंतरिक्ष खिडक़ी भी है। पीस डे रेसिस्टेंस कलैंजीर सेक्शन है। साहित्यकार करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने के रूप में यहां उनके नाम पर द्रविड़ साहित्य है, जिसमें अन्ना, कलैंजर और पेरियार की रचनाएं शामिल हैं। यहां कलैंजर का भाषण प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा, कलैंजर के साथ आमने-सामने बातचीत की सुविधा भी है। इस मंजिल पर आधे खंड में समाचार पत्र और पत्रिकाएं हैं। दूसरी मंजिल पर तमिल में एक लाख से अधिक संग्रहित पुस्तकें हैं। तीसरी मंजिल पर साहित्य सहित अंग्रेजी की पुस्तकें हैं। पाठक केवल स्वचालित उधार प्रणाली का उपयोग करके पुस्तकों को घर भी ले जा सकते हैं। मानव संपर्क की कोई आवश्यकता नहीं है, पुस्तकालय में 60 योग्य पुस्तकालयाध्यक्ष हैं। चौथी मंजिल पर संदर्भ पुस्तकों और पत्रिकाओं की अलमारियों के साथ एक बहुत लंबा हॉल है जहां छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं। यहां अंग्रेजी की पत्र पत्रिकाओं का तमिल में अनुवाद करने की व्यवस्था है।नेत्रहीनों के लिए ऑडियो सामग्री भी बनती है
इसी मंजिल पर कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन के लिए 48 पीसी के साथ एक मल्टीमीडिया हॉल व डिजीटलीकरण की सुविधा भी है जहां दुर्लभ पुस्तकों को विभिन्न स्रोतों से लाया जाता है और भावी पीढ़ी के लिए डिजीटल रूप से संग्रहित किया जाता है। डबिंग सुविधा के साथ वीडियो सामग्री बनाने के लिए एक स्टूडियो भी है। यहां नेत्रहीनों के लिए ऑडियो सामग्री भी बनाई जाती है व सेलिब्रिटी की बातचीत भी रिकॉर्ड होती है। छठी मंजिल पर संदर्भ पुस्तकालय और प्रशासनिक कार्यालय के साथ एक कैंटीन भी है। पुस्तकालय में फोटोकॉपी की सुविधा है।पुस्तकालय शोधार्थियों के लिए एक वरदान
इस पुस्तकालय में बच्चों से लेकर वृद्धों तक सभी के लिए अनेक कार्यक्रम होते हैं। हर पूर्णिमा के दिन साहित्यिक कार्यक्रम ‘नील ओलियल’ होता है। युवाओं के लिए सिगरम तोड़ू के अंतर्गत कार्यशाला और संगोष्ठी होती है। अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका के. कविता ने बताया यह पुस्तकालय शोधार्थियों के लिए एक वरदान है विशेषकर तमिल साहित्य के शोधार्थियों के लिए क्योंकि यहां तमिल साहित्य से संबंधित लाखों किताबें उपलब्ध हैं। पुराने तमिल साहित्य को संरक्षित करने के लिए उनका डिजीटलीकरण किया जा रहा है। जो शोध कार्य के लिए बहुत आवश्यक है। मदुरै कामराज विश्वविद्यालय की शोधार्थी निवेदिता के अनुसार यहां अंग्रेजी साहित्य से संबंधित पुस्तकें भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। शोधार्थियों के लिए कार्यशाला आयोजित कर विशेषज्ञों का वक्तव्य प्रस्तुत किया जाता है, साथ ही विषय पर चर्चा भी होती है जो मुझ जैसे शोधार्थियों को विषय को गहराई से समझने में सहयता करती है। वहां का शांत वातावरण हमें पढ़ने के लिए प्रेरित करता है।