50 टन बजरी का स्टॉक शहर में करीब 50 टन बजरी का स्टॉक कर रखा था। सूचना पर खनन, पुलिस व तहसील की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। प्रशासन की ओर से अवैध रूप से बजरी भंडारण को लेकर जानकारी ली जा रही है। प्रशासन की ओर से बजरी को जब्त करने की कार्रवाई चल रही है।
ओवरलोड डंपर पकड़े खरवा क्षेत्र में फेल्सपार ले जा रहे तीन ओवरलोड डंपर पकड़े गए। इनमें से दो में 17 टन की अनुमति के विरुद्ध 31-32 टन खनिज पाया गया। एक डंपर बिना रवन्ना के परिवहन करते हुए पकड़ा गया।
रायपुर में बजरी जब्त उपखंड अधिकारी व तहसीलदार रायपुर की ओर से भी कार्रवाई की गई। इसमें करीब 60 टन बजरी जब्त की गई। टीम ने एक ट्रैक्टर ट्रॉली बजरी, दो ट्रैक्टर ट्रॉली मेसनरी स्टोन तथा 60 टन बजरी जब्त की। इसकी अनुमानित कीमत 2.25 लाख आंकी गई।
ट्रेक्टर-ट्रॉली पकड़े एसडीएम दिव्यांश सिंह के नेतृत्व में ब्यावर में 7 ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़े गए। इनमें एक बजरी, छह पत्थर के और 3 डंपर फेल्सपार के पकड़े गए। इनमें 3 ट्रैक्टर व 3 डंपर को थाना सदर में खडा करवाया गया है, जबकि 4 ट्रैक्टर को थाना बार में जब्त किया गया। इन सभी वाहनों की अनुमानित कीमत लगभग 8 लाख रुपए आंकी गई है।
खनन माफिया में हडकम्प ब्यावर जिले में अवैध खनन पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। रात से अलसुबह तक चली इस कार्रवाई में लाखों रुपए का माल जब्त किया गया है। रायपुर, मसूदा, जैतारण और ब्यावर सब डिविजन के एसडीएम ने संयुक्त ऑपरेशन किया। कार्रवाई रात के अंधेरे में शुरू हुई और सुबह तक चलती रही। इस दौरान कई ट्रैक्टर, डंपर और अन्य खनन उपकरणों को जब्त किया गया, जो अवैध रूप से बजरी और पत्थर से भरे हुए थे। अवैध खनन पर इस कार्रवाई से खनन माफिया में हड़कंप मच गया।
जिला स्तरीय जनसुनवाई एवं सतर्कता समिति की बैठक . पानी की सप्लाई का कोई नियत समय नहीं है। ऐसे में कई बार लोगों को पता ही नहीं लगता कि पानी आया या नहीं। कई कॉलोनियों में जलापूर्ति भी कम हो रही है। ऐसे भी शहर में कई गलियां हैं, जहां तक पीने का पानी पहुंच ही नहीं रहा। इससे गर्मी में उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड रहा है।जिला कलक्ट्रेट के मीटिंग हॉल में गुरुवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई एवं सतर्कता समिति की बैठक में सबसे अधिक पेयजल आपूर्ति से संबंधित शिकायतें आई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिला कलक्टर महेंद्र खडगावत ने इन समस्याओं का त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। जनसुनवाई के दौरान पेयजल संकट, अतिक्रमण, पारिवारिक विवाद, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित रहने, पंचायत पुनर्गठन, भूमि आवंटन, रोडवेज बस सुविधा की कमी, एफआईआर दर्ज नहीं होने, बिजली बिलों की अधिक राशि और छह माह से पेयजल आपूर्ति ठप रहने जैसी समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आई। स्थानीय लोगों ने 10 बजे बाद तेज आवाज में संगीत बजाने की शिकायत भी प्राप्त हुई। लोगों ने यह भी शिकायत की कि कई क्षेत्रों में समय पर और पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है। कई घरों में पिछले छह महीनों से पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। साथ ही बिजली बिलों की अत्यधिक राशि आने की शिकायतें, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं व राशन से वंचित रहने तथा पंचायत पुनर्गठन से जुड़ी असमंजस की स्थिति पर भी लोगों ने बात रखी। कुछ शिकायतें भूमि अतिक्रमण, पारिवारिक कलह और रोडवेज बसों की अनुपलब्धता से भी जुड़ी हुई थीं। झगड़े व मारपीट के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं होने का मामला भी सामने आया। बैठक में अतिरिक्त कलक्टर मोहनलाल खटनावलिया, उपखंड अधिकारी दिव्यांश सिंह, एसीईओ गोपाललाल ने अपने विभाग से जुडी जानकारियां दी।