TN : 2030 तक 50 प्रतिशत नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य
तमिलनाडु में नवकरणीय ऊर्जा के स्रोतों के पूरे उपयोग को सुनिश्चित करने के उपायों पर कार्य हो रहा है, जिनमें सौर और पवन ऊर्जा प्रमुख है। पी. एस. विजयराघवन चेन्नई. राज्य में बढ़ती गर्मी और बिजली की डिमांड के बीच सरकार ने संकल्प किया है कि वह वर्ष 2030 तक कुल ऊर्जा खपत का 50 प्रतिशत […]
तमिलनाडु में नवकरणीय ऊर्जा के स्रोतों के पूरे उपयोग को सुनिश्चित करने के उपायों पर कार्य हो रहा है, जिनमें सौर और पवन ऊर्जा प्रमुख है। पी. एस. विजयराघवनचेन्नई. राज्य में बढ़ती गर्मी और बिजली की डिमांड के बीच सरकार ने संकल्प किया है कि वह वर्ष 2030 तक कुल ऊर्जा खपत का 50 प्रतिशत नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करेगी। राज्य में फिलहाल स्थापित नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता 23,056.07 मेगावाट है। साथ ही इसी अवधि में कार्बन उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कमी लाने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को भी हाथ में लिया गया है। तमिलनाडु में नवकरणीय ऊर्जा के स्रोतों के पूरे उपयोग को सुनिश्चित करने के उपायों पर कार्य हो रहा है, जिनमें सौर और पवन ऊर्जा प्रमुख है। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कुशल कार्यबल की मांग भी बढ़ रही है जिससे नवोन्मेषी उद्योग भी उभर रहे हैं। तमिलनाडु ग्रीन एनर्जी कॉरपोरेशन लिमिटेड इस दिशा में काम कर रहा है।
निगम के वरिष्ठ अधिकार ने बताया कि हमारा लक्ष्य 2030 तक कुल खपत में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की हिस्सेदारी को 50% तक बढ़ाना है। साथ ही मौजूदा संयंत्रों के रखरखाव और उन्नयन के अलावा जल विद्युत उत्पादन क्षमता के विस्तार की भी योजना है।
पीक डिमांड नए स्तर पर
एक अनुमान के अनुसार चालू वर्ष के लिए राज्य की अनुमानित अधिकतम मांग 22,150 मेगावाट होगी, जो पिछले वर्ष की अधिकतम मांग से 6% अधिक है। तमिलनाडु वर्तमान में समग्र नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लिए भारत में तीसरे स्थान पर है और पवन ऊर्जा में दूसरे स्थान पर है। ऊर्जा उत्पादन की बात करें तो 30 जुलाई 2024 को 5,899 मेगावाट का सर्वकालिक उच्चतम पवन ऊर्जा उत्पादन हुआ। इससे पहले का रेकॉर्ड 9 जुलाई 2022 को 120.25 एमयू का था। इसी तरह सोलन एनर्जी ने 16 फरवरी 2025 को 6,579 मेगावाट के साथ नया रेकॉर्ड बनाया। यह रेकॉर्ड पांच दिन पहले यानी 11 फरवरी को हुए अधिकतम उत्पादन 48.20 एमयू में हुआ सुधार था।
तमिलनाडु में कुल ऊर्जा की स्थिति
राज्य में परपरागत और नवकरणीय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 39,769.94 मेगावाट है, जिसमें ऊर्जा की खरीद और अन्य प्रारूप शामिल है। श्रेणी स्थापित क्षमता थर्मल 5120.00 मेगावाट