उपचार के दौरान हुई मौत
वहीं घर में कोई सदस्य नहीं होने के कारण उसके शोर मचाने पर आस-पास के ग्रामीण मौके पर पहुुंच कर आग को बुझाया तब तक वह करीब 80 प्रतिशत तक झुलस चुकी थी। पड़ोसियों ने उसके परिजनों को सूचना दिया जिससे उपचार के लिए अस्थानीय अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद तत्काल रेफर कर दिया।
जिससे ओड़िशा के किंजीरकेला अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भी भर्ती करने से मना करने पर सुंदरगढ़ अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां भी भर्ती नहीं हुआ तो बुर्ला पहुंचे जहां रात भर रखने के बाद उसकी तबीयत लगातार बिगड़ते देख डाक्टरों ने 17 फरवरी को सुबह रेफर कर दिया।
इससे रायगढ़ जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डाक्टरों ने भर्ती कर उपचार शुरू किया, लेकिन यहां उपचार के दौरान 22 फरवरी की रात करीब 12 बजे इसकी मौत हो गई। रविवार को सुबह अस्पताल से भेजी गई तहरीर पर रायगढ़ सिटी कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर पीएम उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया है, साथ ही मर्ग डायरी संबंधित थाना भेजने की तैयारी चल रही है। वहीं पुलिस का कहना है कि अब मर्ग जांच के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का खुलसा हो सकेगा।