महिलाओं को समझाया जा रहा है कि वे उत्पीड़न के खिलाफ खुलकर सामने आएं। घर हो या फिर समाज में प्रताड़ना के मामले सामने आ रहे हैं तो उनका डटकर सामना करें व आरोपियों को सजा दिलाएं।
Patrika Mahila Suraksha: जागरूकता जरूरी
अभियान के तहत बताया जा रहा है कि महिलाओं के लिए कानून में बहुत से अधिकार दिए गए हैं पर जानकारी के अभाव के चलते इसका इस्तेमाल नहीं कर पाते।
महिलाओं को खुद की रक्षा के लिए भी सजग रहने कहा जा रहा है। इस अभियान की कड़ी के तहत पद्मश्री फूलबासन यादव ने छुरिया ब्लॉक के टिपानगढ़ गांव में रविवार को ग्रामीण महिलाओं की बैठक ली।
महिलाओं को बताया कि पत्रिका की ओर से महिला सुरक्षा को लेकर रक्षा कवच अभियान की शुरुआत की गई है। हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया गया है। इसके जरीये महिलाएं अपनी परेशानी बताकर समाधान पा सकती हैं। पद्मश्री फूलबासन ने कहा कि उत्पीड़ना का यह मामला घर से शुरू होकर समाज तक पहुंच गया है। कई महिलाएं ऐसी हैं जो घर पर रोज प्रताड़ना का शिकार हो रहीं हैं।
सुरक्षित नहीं..
प्रताड़ना का मतलब पति द्वारा नशे की हालत में जबरन मारपीट करना, बात-बात पर परिवार के सदस्यों द्वारा ताना मारना, दहेज के लिए प्रताड़ित करना है। वहीं राह चलते
महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं भी हो रहीं हैं। पद्मश्री ने यह भी कहा कि स्कूल, कॉलेज में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए हमें देखना है कि पढ़ने के लिए जा रही बेटियां कहीं हमसे कुछ छिपा तो नहीं रहीं हैं।
नजर रखें…
कई बार बदनामी और स्कूल छूट जाने के डर से बेटियां कुछ नहीं बताती हैं और यह चुप्पी घातक भी साबित हो जाती है। इसलिए परिजनों को सजग रहना होगा। बच्चों की
गतिविधियों पर ध्यान रखना होगा। इस मौके पर माँ बम्लेश्वरी जनहितकारी समिति से शिव देवांगन, जानिया साहू, खेमिन नेताम, साधना बाई, जानकी बाई, धनेश्वरी साहू, चंदन साहू भी मौजूद रहे।