रात्रि में आठ बजे तक चला वार्ताओं का दौर
इधर, सूचना पर उपखंड अधिकारी चौधरी, डीएसपी कुंभलगढ़, देवगढ़ तहसीलदार स्वामी एवं तहसील स्टॉफ भी मौके पर पहुंचा। इसके बाद मृतक के परिजनों एवं हॉस्पिटल, पुलिस व प्रशासन के बीच समझौते को लेकर वार्ता का दौर चला, जो रात्रि आठ बजे तक चला। इस दौरान ग्रामीण हॉस्पिटल के बाहर ही धरना देकर बैठे रहे। इस बीच कई बार भीड़ एवं पुलिस के बीच नोक-झोंक हुई। सूचना मिलने पर दिवेर थानाधिकारी भवानी शंकर भी मय जाप्ता मौके पर पहुंच गए।
अचानक हुए हमले से स्टॉफ व मरीज डरे
मृतक के परिजनों एवं ग्रामीणों के अचानक हॉस्पिटल में किए गए हंगामे एवं तोडफ़ोड़ से पूरा अस्पताल स्टॉफ, भर्ती मरीज व उनके परिजनों आदि में अफरा-तफरी के बीच भय का माहौल बन गया।
हॉस्पिटल बना छावनी
मामले को लेकर एसडीएम सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी के बीच भारी पुलिस जाप्त के मौजूद रहने से अस्पताल परिसर छावनी बन गया। इस दौरान तहसील से आरआई सियाराम, पटवारी किशोरसिंह भी मौजूद रहे।
मुआवजे की राशि तय होने के बाद खत्म हुआ हंगामा
परिजनो एवं ग्रामीणों का हंगामा हॉस्पिटल प्रशासन की मृतक के परिजनों एवं पुलिस व प्रशासन के साथ लंबे वार्ता के दौर के दौरान रात करीब आठ बजे तक चला। आखिर में अस्पताल एवं मृतक के परिजनों के बीच आपसी सहमति के बाद 11 लाख रुपए का मुआवजा देने की बात बनी और मामला शांत हुआ।
सांस में तकलीफ पर किया था रैफर
मरीज को 11 बजे डिस्चार्ज कर दिया था, दोपहर में हार्ट की तकलीफ होने पर दुबारा यहां लाए तो उस समय सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, मैंने मरीज का प्राथमिक उपचार कर उदयपुर के लिए रैफर कर दिया था।