scriptसदन में आक्रोश: बिजली, बजरी और ‘बेखौफ अफसरशाही’ पर गरजे जनप्रतिनिधि | Outrage in the House: Public representatives roared over electricity, gravel and 'fearless bureaucracy' | Patrika News
राजसमंद

सदन में आक्रोश: बिजली, बजरी और ‘बेखौफ अफसरशाही’ पर गरजे जनप्रतिनिधि

ज़िला परिषद की मंगलवार को हुई साधारण सभा बैठक एक बार फिर सुर्खियों में आ गई।

राजसमंदMay 21, 2025 / 12:44 pm

Madhusudan Sharma

राजसमंद में जिला परिषद की बैठक में मौजूद विधायक हरिसिंह रावत, विधायक दी​प्ति माहेश्वरी व मंचस्थ अ​धिकारी।

राजसमंद में जिला परिषद की बैठक में मौजूद विधायक हरिसिंह रावत, विधायक दी​प्ति माहेश्वरी व मंचस्थ अ​धिकारी।

राजसमंद. ज़िला परिषद की मंगलवार को हुई साधारण सभा बैठक एक बार फिर सुर्खियों में आ गई। लेकिन इस बार वजह योजनाओं की समीक्षा या विकास कार्यों की रूपरेखा नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों का उबलता गुस्सा और अफसरों की ‘जवाब देने की हिम्मत नहीं’ जैसी चुप्पी बनी। जिला प्रमुख रतनी देवी की अध्यक्षता में बुलाई गई यह बैठक एक ‘नियमित प्रशासनिक संवाद’ से ज़्यादा एक तूफानी जनप्रतिनिधि-प्रशासन टकराव का मंच बन गई। बैठक की शुरुआत में ही एक-एक कर इतने सवाल उछले कि पूरा सभागार मानो ‘आक्रोश का अखाड़ा’ बन गया। बिजली की बदहाली से लेकर जल जीवन मिशन की जमीनी सच्चाई, बजरी माफिया की मनमानी से लेकर शिलापट्टियों की राजनीति तक—हर मुद्दे पर जनप्रतिनिधियों ने ऐसी आग उगली कि अफसरों को जवाब देने के बजाय बगलें झांकनी पड़ीं।

जनवरी के अधूरे वादे पर ‘जनाक्रोश’

बैठक की शुरुआत में ही जिला परिषद सदस्य ज्योति कुंवर ने मोर्चा संभालते हुए आंबा की पाल सड़क निरीक्षण का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि पिछली बैठक में तय निरीक्षण में न तो जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया और न ही कोई सूचना दी गई। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा-“क्या यह लोकतंत्र है या अफसरशाही की निजी रियासत?” इस आरोप पर कुछ सदस्यों ने तालियाँ भी बजाईं, और बहस की शुरुआत आक्रोश के साथ हुई, जो अंत तक जारी रही।

बिजली गायब, अफसर लापता

लेहरू लाल अहीर ने बताया कि रेलमगरा क्षेत्र में जेईएन की तैनाती तक नहीं है। ग्रामीण बिजली कनेक्शन के लिए महीनों भटकते हैं लेकिन समाधान नहीं मिलता। दीनदयाल गिरी बोले कि बारिश होते ही घंटों बिजली गुल हो जाती है और बहाली में चौबीस घंटे तक लग जाते हैं। विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा- “रात को बिजली चली जाती है, और आपके लाइनमैन, जेईएन, एईएन सबके फोन स्विच ऑफ! गांव वालों की गालियां हमें सुननी पड़ती हैं। ये तो हद की लापरवाही है।” अधिकारियों ने जवाब में रटा-रटाया आश्वासन दिया-“कड़ी कार्रवाई करेंगे।”

‘शिलापट्ट पर नेता ग़ायब, पदाधिकारी चिपके हुए’-नजरअंदाजी का आरोप

रेलमगरा प्रधान आदित्य प्रताप सिंह ने सीएचसी भवन उद्घाटन को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने बताया कि उद्घाटन कार्यक्रम में न विधायक का नाम था, न प्रधान का, न ही ज़िला परिषद सदस्य का शिलापट्ट पर केवल पार्टी के कुछ पदाधिकारियों के नाम थे। “ये तो पूरे जनादेश का अपमान है। अगर यह शिलापट्ट बदला नहीं गया, तो यह जनता की भावनाओं से खिलवाड़ होगा।”

जल जीवन मिशन-कागज़ों में ‘जल’, ज़मीन पर ‘मृगतृष्णा’

लेहरू लाल अहीर ने एक और बड़ा हमला जल जीवन मिशन योजना पर किया। उन्होंने बताया कि यह योजना सिर्फ कागज़ों पर चल रही है। “कहीं टंकी है तो पाइप नहीं, कहीं पाइप है तो कनेक्शन नहीं, और कई जगह तो कुछ भी नहीं!”उन्होंने मेघाखेड़ा, प्रेमपुरा, मालीखेड़ा, भामाखेड़ा, सकरवास जैसे गांवों के उदाहरण देते हुए अफसरों को कठघरे में खड़ा किया। जब उन्होंने पूछा कि पूर्व स्वीकृत डीएमएफटी योजनाएं किस आधार पर रद्द की गईं, जिससे स्कूलों, मैदानों और सड़कों के कार्य रुक गए, तो अफसर खामोश हो गए।

बजरी माफिया पर चुप्पी- ‘खनन खुलेआम, प्रशासन सुस्त’

राजसमंद के बनास नदी क्षेत्र में अवैध बजरी खनन का मुद्दा भी उठा। लेहरू लाल अहीर ने कहा “कुरज, ओड़ा, भुरवाड़ा, बड़लिया, पिपली आचार्यान जैसे गांवों में खुलेआम बजरी का अवैध खनन हो रहा है, लेकिन प्रशासन का कोई अफसर वहां झांकने तक नहीं गया।”कुछ जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन और बजरी माफिया की मिलीभगत की ओर भी संकेत किए।

‘पोल नहीं लगे? तो लाइन को अंडरग्राउंड कर दो!’

पप्पूलालसालवी ने देपुर मंडियाणा में बिजली लाइन शिफ्टिंग और पोल नहीं लगाने का मुद्दा उठाया। जब एसई बीएस शर्मा ने जवाब दिया कि ग्राम पंचायत ने खुद लेटर पर लिखकर मना किया था, तो जनप्रतिनिधियों ने दस्तावेज सामने रखते हुए पलटवार किया। “अगर पोल नहीं लगा सकते तो लाइन को अंडरग्राउंड कर दो! कब तक बहाने बनाते रहोगे?” बहस लंबी चली, लेकिन समाधान अधर में ही लटक गया।

बैठक में मौजूद रहे ये प्रमुख चेहरे

  • भीम विधायक हरिसिंह रावत
  • राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी
  • एडीएम नरेश कुमार बुनकर
  • सीईओ बृजमोहन बैरवा
  • डीएमएफटी अधिकारी कस्तुरी प्रशांत सुले
  • एसीईओ डॉ. सुमन अजमेरा
  • उपजिला प्रमुख सोहनी देवी
जनप्रतिनिधि कुक सिंह, रतन कुंवर, पप्पूलाल सालवी, ग्यारसी देवी, समुद्र सिंह, गोपाललाल, टीना गहलोत आदि मौजूद रहे।

Hindi News / Rajsamand / सदन में आक्रोश: बिजली, बजरी और ‘बेखौफ अफसरशाही’ पर गरजे जनप्रतिनिधि

ट्रेंडिंग वीडियो